नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यमुना तट पर श्री श्री रविशंकर के प्रस्तावित ‘वर्ल्ड कल्चर फ़ेस्टिवल’ कार्यक्रम को कराने की इजाज़त दे दी है.
नेशनल ग्रीन टिब्यूनल ने कहा है कि कार्यक्रम जारी रह सकता है लेकिन अपने संवैधानिक दायित्व न पूरा करने के लिए दिल्ली प्रदूषण बोर्ड को एक लाख रुपए और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को पांच लाख रुपए का जुर्माना भरना होगा.
इसके अलावा एनजीटी ने आर्ट ऑफ़ लीविंग फ़ाउंडेशन पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि कार्यक्रम शुरू करने से पहले जमा करानी होगी.
एनजीटी ने फ़ाउंडेशन से इस पूरे इलाके को बायोडावर्सिटी पार्क के रूप में विकसित करने को भी कहा है
इस कार्यक्रम पर जहाँ विपक्ष ने कई सवाल उठाए, वहीं रविशंकर को जल संसाधन मंत्री उमा भारती और पर्यावरण मंत्रालय का समर्थन मिला था.
यमुना नदी के तट पर श्री श्री रविशंकर की संस्था ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ 11 से 13 मार्च तक ‘वर्ल्ड कल्चर फ़ेस्टिवल’ का आयोजन कराना चाहती है.
इस आयोजन को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में चुनौती दी गई थी.
पर्यावरण और वन मंत्रालय ने एनजीटी में एक हलफ़नामा दायर कर कहा कि किसी नदी के बाढ़ क्षेत्र में (इस मामले में यमुना) किसी अस्थायी ढांचे के लिए इजाज़त लेने की ज़रूरत नहीं होती है.
पीटीआई के अनुसार, पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि नदी में पानी का स्तर बढ़ जाने या बाढ़ आने पर जो ज़मीन डूब जाती है उस पर अस्थायी ढांचे बनाने के लिए मंज़ूरी की ज़रूरत नहीं होती है.
वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने मीडिया से कहा, "श्री श्री रविशंकर और उनके अनुयायी पर्यावरण के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूँ कि कोई नुकसान नहीं होगा."
रविशंकर का समर्थन करते हुए वो बोलीं, "मैं पूरी तरह से श्री श्री रविशंकर जी के साथ हूँ और उनके कार्यक्रम के सफल होने की कामना करती हूँ. बाकी सभी मुद्दों से निपटने का ज़िम्मा एनजीटी का है."
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