आम आदमी पार्टी के तीन नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्नातक की डिग्री का सबूत मांगने के लिए बुधवार (4 मई) को दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मुलाकात की और दावा किया कि विश्वविद्यालय ने उन्हें इस जानकारी के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से संपर्क करने को कहा। वहीं, कुलपति योगेश त्यागी ने बुधवार (4 मई) की मुलाकात के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का आरटीआई विभाग इस मुद्दे पर गौर कर रहा है।
केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा डीयू और गुजरात विश्वविद्यालय को यह सूचना दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुहैया किए जाने के एक हफ्ते बाद आप नेता विश्वविद्यालय गए। मुख्यमंत्री ने हाल ही में आयोग के कामकाज की आलोचना की थी। गुजरात विश्वविद्यालय ने रविवार (1 मई) को कहा था कि मोदी के पास एमए की डिग्री है और उन्होंने विश्वविद्यालय के बाहरी छात्र के तौर पर 62.3 प्रतिशत अंक हासिल किया था।
आप नेता आशुतोष, राघव चड्ढा और आशीष खेतान जानकारी हासिल करने बुधवार (4 मई) दोपहर मुख्यमंत्री से एक पत्र लेकर डीयू गए थे। डीयू रजिस्ट्रार तरुण दास और मुख्य जन सूचना अधिकारी मीनाक्षी सहाय से करीब एक घंटे की मुलाकात के बाद नेताओं ने दावा किया कि प्रशासन ने कोई ब्योरा साझा करने से इनकार कर दिया और उनसे प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क करने को कहा।
वहीं, केजरीवाल ने ट्विटर पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री डिग्री फर्जी है और यही कारण है कि डीयू इसे साझा करने से इनकार कर रहा है। उन्होंने सिलसिलेवार रूप से किए गए ट्वीट में कहा, ‘‘डीयू ने पीएम की डिग्री दिखाने से इनकार कर दिया। क्यों? मेरी सूचना के मुताबिक उन्होंने डीयू से बीए नहीं किया है। डीयू में कोई रिकार्ड नहीं है। कुछ अखबारों द्वारा छापी गई डिग्री फर्जी है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उनके दाखिले, उनके अंकपत्र और दीक्षांत के बारे में डीयू में कोई रिकॉर्ड नहीं है। डीयू पीएम की डिग्री के बारे में सूचना देने से इनकार क्यों कर रहा? क्योंकि उनके पास यह नहीं है।’’ मुलाकात के बाद खेतान ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हम रजिस्ट्रार से मिले और प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में सूचना मांगी लेकिन प्रशासन ने कोई ब्योरा साझा करने से इनकार कर दिया। जांच से खुलासा हुआ है कि उनकी डिग्री फर्जी है, उन्होंने यहां कभी दाखिला नहीं लिया, ना ही कोई परीक्षा दी, ना ही यहां से स्नातक की कोई डिग्री ली और यदि बीए की डिग्री नहीं ली तो एमए की वैध डिग्री लेने की गुंजाइश ही नहीं बनती।’’
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