नई दिल्ली: गंगा नदी में प्रदूषण से जुड़े मुद्दों से निपटने में संबद्ध अधिकारियों के ढुलमुल रवैए से खिन्न राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने आज कहा कि इन पहलुओं पर कोई काम नहीं करना चाहता। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने कहा, ‘बैठकें बुलाने का कोई औचित्य नहीं है। हमें (गंगा नदी की सफाई के) दूसरे चरण के बारे में किसी से कुछ नहीं मिला। समस्या यह है कि कोई कुछ नहीं करना चाहता।’
पीठ ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में गंगा के पानी की गुणवत्ता के बारे में सूचना न मिलने का जिक्र करते हुए उक्त टिप्पणी की और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 20 मई मुकर्रर कर दी।
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