बहराइच/श्रावस्ती. यूपी सरकार ने शिक्षा की स्थिति सुधारने के लिए अनोखी पहल शुरू की है। इसके तहत सरकार के तेज तर्रार अफसर अब स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाएंगे। इसी लिस्ट में श्रावस्ती के युवा डीएम नितीश कुमार का भी नाम शामिल है। इन्होंने जिले के एक सरकारी स्कूल में टीचरों की कमी को पूरा करने का बीड़ा उठाया है। यही नहीं, डीएम ने अपने साथ साथ इस मुहिम में 25 और अफसरों को जोड़ लिया है।
50 लाख की लागत से बने स्कूल में पढ़ती हैं सिर्फ 17 छात्राएं
- प्रदेश के पिछड़े शहरों में श्रावस्ती का नाम भी शामिल है।
- इसका अंदाजा यहां के राजकीय बालिका इंटरव्यू कॉलेज की स्थिति को देखकर ही लगाया जा सकता है।
- जुलाई 2006 में बनकर तैयार हुए इस कॉलेज की मान्यता साइंस साइड से इंटर तक है।
- गौर करने वाली बात ये है कि 50 लाख की लागत और सभी सुविधाओं से लैस इस स्कूल में सिर्फ 17 लड़कियां ही रजिस्ट्रर्ड हैं।
- यही नहीं, क्लास 6, 7, 8, 9 और 11 में एक गर्ल स्टूडेंट नहीं है।
स्कूल में सिर्फ एक ही उर्दू की टीचर है तैनात
- स्कूल में छात्रों की कम संख्या के पीछे सबसे बड़ा कारण यहां सिर्फ एक टीचर की तैनाती है।
- स्कूल में प्रिंसिपल और प्रवक्ताओं समेत कुल 20 टीचरों की तैनाती होनी है।
- लेकिन सिर्फ एक टीचर है अकीला बानो, जोकि उर्दू की टीचर हैं।
- अकीला के पास सभी सब्जेक्ट पढ़ाने की जिम्मेदारी है। इन्हीं के पास प्रिंसिपल का भी चार्ज है।
अफसरों को पढ़ाता देख 3 लड़कियों का कराया गया एडमिशन
- डीएम नितीश कुमार की मानें तो उन्होंने जिले के विकास के लिए काफी योजना बनाई है।
- लेकिन उनकी सबसे पहली जिम्मेदारी राजकीय स्कूल का शिक्षा स्तर सुधारना है।
- उन्होंने जिले के 2 दर्जन अफसरों की लिस्ट तैयार की है, जो विभिन्न सब्जेक्टों में एक्सपर्ट हैं।
- इन अफसरों की हफ्ते में दो दिन स्कूल में 2 घंटे पढ़ाने की ड्यूटी लगाई गई है।
- डीएम ने खुद सामाजिक विज्ञान और इतिहास पढ़ाने का जिम्मा लिया है।
- कॉलेज में बकायदा टाइम टेबल लगाकर पढ़ाने वाले अफसरों की लिस्ट लगाई गई है।
- इसी के तहत सोमवार को जिले के मुख्य विकास अधिकारी एनपीसिंह ने छात्राओं को साइंस की बेसिक जानकारी दी।
- वहीं, राष्ट्रीय सूचना केंद्र के जिला प्रभारी योगेश यादव ने कम्पयूटर की बेसिक जानकारी दी।
- सबसे अच्छी बात ये रही कि अफसरों को पढ़ाता देख पहले ही दिन 3 अभिभावकों ने अपनी बच्चियों का एडमिशन करवाया।
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