भारतीय रेलवे बदलाव की राह पर अग्रसर है। पिछले दिनों शानदार सुविधाओं वाली महामना एक्सप्रेस और फिर सबसे तेज गति वाली गतिमान एक्सप्रेस शुरू की गई। इसी कड़ी में अब नया नाम है टेल्गो ट्रेन। स्पेन की कंपनी टेल्गो ने मुंबई से दिल्ली के बीच ट्रेन चलाने के लिए अपने डिब्बे भारत भेजे हैं। कंपनी भारत में तेज रफ्तार वाली ट्रेन चलाने के लिए काम कर रही है। उसने मुफ्त में अपने डिब्बे मुहैया कराए हैं। कंपनी का कहना है कि इसके डिब्बे हल्के हैं। इससे ट्रेन को रफ्तार मिलती है। आइए जानते हैं इस ट्रेन से जुड़ी खास बातें
टेल्गो ने अपने कोच भारत भेजे हैं। इन्हें भारतीय रेलवे के इंजन के सहारे पटरियों पर तेज गति पर दौड़ाया जाएगा। ये डिब्बे टुकड़ों में भारत आएंगे और यहां पर इन्हें असेंबल किया जाएगा। इस ट्रेन का ट्रायल 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर किया जाएगा। इन्हें दो ट्रैक पर चलाया जाएगा। इनमें एक ट्रैक दिल्ली-मुंबई के बीच चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस का और दूसरा नॉन राजधानी रूट होगा।रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि टेल्गो ट्रेन के ट्रायल का मकसद दिल्ली-मुंबई के बीच लगने वाले समय में 5 घंटे की कटौती करना है। टेल्गो ने प्रयोग के लिए अपने कोच मुहैया कराए हैं।
अगर टेल्गो ट्रेन वर्तमान पटरियों में बिना बदलाव किए 160-200 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने में सफल रही तो दिल्ली-मुंबई का सफर 12 घंटे में पूरा हो जाएगा। वर्तमान में इस सफर में 17 घंटे लगते हैं। सफर के समय में कमी के साथ ही टेल्गो के हल्के डिब्बे 30 प्रतिशत कम ऊर्जा लेते हैं। इससे रेलवे का खर्चा भी कम होगा। टेल्गो का दावा है कि उसके कोच मोड़ पर भी तेज रफ्तार से चल सकते हैं। वर्तमान में टेल्गो ट्रेन एशिया और अमेरिका में कई जगहों पर चल रही है। छोटे-मोटे बदलावों को छोड़कर ट्रायल रन के दौरान पटरियों में कोई बदलाव नहीं होगा।
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