संसदीय सचिव नियुक्ति मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि कई और राज्यों में भी संसदीय सचिव का पद है तो फिर उन्हें ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा 'ये बनाएं तो सही हम बनाएं तो गलत। यह दोगलापन नहीं चलेगा'।
केजरीवाल ने पीएम मोदी से गुहार लगाते हुए कहा, 'मोदी जी मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि आप को जो भी बदला लेना है मेरे से लीजिए। मुझे मार लो, पीट लो पर दिल्ली के लोगों को परेशान मत करो... दिल्ली में जो काम हो रहे हैं उसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। ऑड-ईवन योजना हो या फिर मोहल्ला क्लीनिक खोलने की अमेरिका सहित पूरी दुनिया इसकी तारीफ कर रही है। इन कामों को सराहा जा रहा है। यह सब उन विधायकों के बूते ही संभव हुआ जिन्हें संसदीय सचिव बनाया गया है।'
केजरीवाल ने संसदीय सचिवों को दिल्ली की आंख, कान और नाक करार दिया. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अनियमितता का पता लगाना हो,गरीब बच्चों को दाखिला दिलाना हो, कामचोरी कर रहे टीचरों के खिलाफ कार्रवाई करनी हो, अस्पतालों में गरीबों का इलाज करवाना हो या फिर जहां बिजली नहीं पहुंच रही वहां इसका बंदोबस्त करना हो यह सब काम ये लोग ही कर रहे हैं। केजरीवाल ने अपने संसदीय सचिवों को पढ़ा-लिखा जबकि दूसरी पार्टी वालों को अनपढ़ों की जमात भी कह दिया।
केजरीवाल ने कहा कि ये विधायक बिना कोई वेतन भत्ते लिए इतनी बड़ी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। आप ने इन्हें संसदीय सचिव बना दिया तो इतना हंगामा खड़ हो गया। यह काम तो भाजपा और कांग्रेस भी करती रही है। एचकेएल भगत, कुमारी शांता वशिष्ट और शिवरचरण गुप्ता जैसे विधायक तो 1953 से संसदीय सचिव रहे तब तो किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया। अब केजरीवाल ने संसदीय सचिव बना दिया तो तूफान खड़ा हो गया।
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