नई दिल्लीः आईटीसी के मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. आईटीसी प्रमुख योगेश्वर चंद्र देवेश्वर ने एग्जीक्यूटिव चेयरमैन और सीईओ पद छोड़ने का फैसला किया है. इस पद पर वह 20 साल से हैं. फरवरी 2017 में पद छोड़ने के बाद वह कंपनी के नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनेंगे.
कंपनी के चेयरमैन और सीईओ वाई सी देवेश्वर फरवरी 2017 में कंपनी में अपने एक्टिव रोल से बाहर हो जाएंगे. हांलाकि वो अगले 3 साल तक कंपनी के नॉन एक्जिक्यूटिव चेयरमैन बनें रहेंगे. बतौर सीईओ 22 जुलाई को होने वाली कंपनी की एजीएम बतौर एग्जीक्यूटिव चेयरमैन देवेश्वर की अंतिम एजीएम होगी. देवेश्वर 1996 में आईटीसी के सीईओ और चेयरमैन पद के लिए नियुक्त किए गए थे और तब से वो देश में सबसे लंबे समय तक सीईओ रहने वाले व्यक्ति हैं.
वाई सी देवेश्वर ने आईआईटी दिल्ली और हावर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की है. 9 वर्षीय वाईसी देवेश्वर 1968 में कंपनी से जुड़े थे और 1984 में आईटीसी के निदेशक नियुक्त किए गए. फिर वे 1996 जनवरी में आईटीसी के सीईओ और चेयरमैन बने. जुलाई 2011 की एजीएम में उन्हें 5 साल के लिए चेयरमैन बनाने की घोषणा की गई थी. यह कार्यकाल 4 फरवरी 2017 तक है.
वाई सी देवेश्वर को 2011 पदम भूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया. वे देश में सबसे लंबे समय तक सीईओ रहने वाले शख्स हैं. उनको हावर्ड बिजनेस रिव्यू में भारत के बेस्ट सीईओ की सूचि में रखा गया. वाई सी देवेश्वर 2012 में एआईएमए बिजनेस लीडर अवार्ड से सम्मानित किए गए. देवेश्वर ने जब चेयरमैन पद संभाली थी तब कंपनी कई चुनौतियों से जूझ रही थी. कंपनी को इनसे उबारने में देवेश्वर का बहुत बड़ा योगदान है. उस समय कंपनी का कारोबार 5,200 करोड़ रुपए से कम और टैक्स से पहले का मुनाफा 452 करोड़ रुपए था.
कंपनी के मुताबिक बोर्ड ने देवेश्वर से कंपनी में बने रहने को कहा था लेकिन उन्होंने एक्जीक्यूटिव रोल से अलग हटने की इच्छा जताई थी. 6. उन्होंने 1996 में चेयरमैन पद संभाला था. आईटीसी देश में सिगरेट बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है.
COMMENTS