सरकार सिख गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती पूरे देश में मनाएगी और इन समारोहों के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि निश्चित की गई है. सिख योद्धा बाबा बंदा सिंह के 300वें शहीदी दिवस पर एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक उच्च स्तरीय राष्ट्रीय समिति का निर्माण किया जाएगा. यह समारोह की योजना का खाका तैयार करेगी.
पीएम मोदी कहा, 'भारत सरकार गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती समारोह को पूरे देश के कोने-कोने में मनाएगी. यह दुनिया में हर उस जगह मनाई जाएगी जहां भारतीय रहते हैं. उन्होंने कहा, 'इसके लिए भारत सरकार ने 100 करोड़ रुपये की राशि निश्चित की है. इन समारोहों के आयोजन को देखने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जा रही है.' इन समारोहों के आयोजन के लिए पंजाब सरकार भी इतनी ही राशि का योगदान करेगी.
गुरु गोविंद सिंह सिखों के दसवें एवं अंतिम गुरु थे जिनका जन्म 22 दिसंबर 1666 को हुआ था. प्रधानमंत्री ने कहा, 'ऐतिहासिक समारोहों के आयोजन से हम अपनी भविष्य की पीढ़ियों को उनकी जड़ों से जोड़ते हैं. जो लोग इतिहास भूल जाते हैं, वे इतिहास नहीं रच सकते. जो अपनी ऐतिहासिक जड़ों से जुड़े होते हैं, केवल वे ही इतिहास रच सकते हैं.'
मोदी ने कहा, ' अगर हम 300वां और 350वां या शताब्दी समारोह मनाते हैं, तो वे हमें अपनी महान एवं ऐतिहासिक परंपराओं से जोड़ते हैं.' इससे पहले आप सरकार ने दिल्ली में हाल ही में बारापुला पुल का नामकरण बाबा बंदा सिंह के नाम पर किया था. आप पंजाब में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए कठिन प्रयास कर रही है. राज्य में 2017 में चुनाव होने हैं.
मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत 'जो बोले सो निहाल...' से की और बाबा बंदा बहादुर सिंह के बलिदान के विषय पर पंजाबी में कुछ शब्द कहे. उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को बाबा बंदा बहादुर के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने दैनिक जीवन में उनका अनुसरण करना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि वे एक संवेदनशील प्रशासक थे और जीवन के अधिकांश समय प्रतिकूल परिस्थितियों और युद्ध की छाया में रहने के बावजूद न्याय के पथ से कभी विचलित नहीं हुए. उन्होंने कहा, 'वह अपने पथ से कभी नहीं डिगे और उन्होंने कभी भी अपने आप को विचलित नहीं होने दिया.'
मराठा शासक शिवाजी के कौशल का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबा बंदा बहादुर सीमित संसाधन के साथ शत्रुओं से लड़े. वे लोगों के समान अधिकारों के लिए लड़े. उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि किसानों को उनका हक मिले. उन्होंने लोगों के विकास एवं सशक्तिकरण के लिए काम किया. इस समारोह में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उपमुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल, हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और कुछ केंद्रीय मंत्री भी शामिल थे.
COMMENTS