नई दिल्ली। महिलाओं की सुरक्षा का वादा कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी के खुद के विधायक अब अपनी सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद हैं। विधायकों ने स्पीकर रामनिवास गोयल को पत्र लिखकर अपने कार्यालयों में सीसीटीवी लगवाने की मांग की है। विधायकों ने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सिविल डिफेंस के दो वालंटियर की भी डिमांड की है। इन वालंटियरों में एक महिला होनी चाहिए। विधायकों के मुताबिक वो डरे हुए हैं क्योंकि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है।
67 विधायकों में से दर्जनभर पर एफआईआर भी दर्ज हो चुकी हैं। कुछ ऐसे हैं जिनपर महिलाओं के साथ छेड़छाड़, बदसलूकी और जान से मारने की धमकी के आरोप लगे हैं। विधायक ही नहीं आम आदमी पार्टी और केजरीवाल सरकार भी बार-बार आरोप लगाती रही हैं कि आप विधायकों को केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस झूठे केस में फंसा रही है।
विधायकों ने दलील दी है कि इन कैमरों से इस बात की तस्दीक होती रहेगी कि कौन-कौन लोग उनसे मिलने आ रहे हैं। इनके लगाने से इस बात भी पता चलता रहेगा कि किस व्यक्ति या महिला ने उस जगह पर ड्रामा किया या कोई विवाद हुआ तो उसमें विधायक या उनके लोगों का क्या रोल रहा। इसका एक लाभ यह भी रहेगा कि विधायकों के कार्यालयों के अंदर-बाहर होने वाले विवाद की असलियत सीसीटीवी कैमरे से पता चल जाएगी और सच-झूठ का आसानी से पर्दाफाश हो जाएगा।
18 विधायकों का लिखा सामूहिक पत्र स्पीकर रामनिवास गोयल को प्राप्त हो चुका है। स्पीकर के मुताबिक अब वो कानूनी और आर्थिक पहलुओं पर सलाह ले रहे हैं। स्पीकर के मुताबिक फैसला जल्द हो जाएगा। लेकिन इस फैसले से पहले ही विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर हो गया। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार को चुनावी वायदे याद दिलाए हैं।
गुप्ता ने कहा है कि चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी ने दिल्लीभर में 15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगवाने के वायदे किए थे लेकिन कैमरों का कोई अता-पता नहीं है। गुप्ता सवाल खड़े कर रहे हैं कि क्या महिलाओं की सुरक्षा से ज्यादा फिक्र सरकार को अपने विधायकों की है। कैमरे लगवाने का जिम्मा पीडब्ल्यूडी को है। पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन से जब पूछा गया कि सरकार ने कितने कैमरे लगवाए तो उनके पास कोई सटीक आंकड़ा नहीं था।
COMMENTS