इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर गैंगरेप केस की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में जांच की स्टेट रिपोर्ट पेश की थी। इसके बाद चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच मामले पर पुन: सुनवाई करने का निर्णय लिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में वह सरकार की ओर से अभी तक की जांच से संतुष्ट नहीं है। इसी हाईवे पर रेप की अन्य चार घटनाओं पर सुनवाई 17 अगस्त को होगी।
29 जुलाई की रात बुलंदशहर में हाईवे पर मां-बेटी से गैंगरेप की सनसनीखेज घटना हुई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर इसकी सुनवाई शुरू की। चार दिन की सुनवाई में कोर्ट उप्र सरकार द्वारा दी गई रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुई। इस पर शुक्रवार को कोर्ट ने इस गैंगरेप कांड की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि इसी हाईवे पर मई से जुलाई के बीच रेप की चार अन्य वारदातें हुईं। उन पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 17 अगस्त की तारीख मुकर्रर की है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मां-बेटी के साथ गैंगरेप की इस घटना से पहले 7 मई को भी हाईवे पर ऐसी ही एक घटना हुई थी। अगर पुलिस ने उसमें सख्त कार्रवाई की होती तो यह घटना न होती, जिसमें 13 साल की बच्ची दरिंदों की शिकार हुई।
29 जुलाई की रात बुलंदशहर में हाईवे पर मां-बेटी से गैंगरेप की सनसनीखेज घटना हुई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर इसकी सुनवाई शुरू की। चार दिन की सुनवाई में कोर्ट उप्र सरकार द्वारा दी गई रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुई। इस पर शुक्रवार को कोर्ट ने इस गैंगरेप कांड की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि इसी हाईवे पर मई से जुलाई के बीच रेप की चार अन्य वारदातें हुईं। उन पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 17 अगस्त की तारीख मुकर्रर की है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मां-बेटी के साथ गैंगरेप की इस घटना से पहले 7 मई को भी हाईवे पर ऐसी ही एक घटना हुई थी। अगर पुलिस ने उसमें सख्त कार्रवाई की होती तो यह घटना न होती, जिसमें 13 साल की बच्ची दरिंदों की शिकार हुई।
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