ओड़िशा के कालाहांडी में एक सरकारी अस्पताल की ओर से कोई वाहन मुहैया न कराए जाने के कारण एक व्यक्ति को 10 किलोमीटर तक अपनी पत्नी का शव कंधे पर ढोने को मजबूर होने की घटना सामने आने के एक दिन बाद इस मामले की जांच के आदेश दिए गए। इस बात की जांच के आदेश दिए गए हैं कि किन परिस्थितियों में व्यक्ति को अपनी पत्नी का शव कंधे पर रखकर ले जाना पड़ा। कालाहांडी जिले के रहने वाले राज्य के शहरी विकास मंत्री पुष्पेंद्र सिंह देव ने भुवनेश्वर में कहा, ‘कालाहांडी के जिला कलक्टर ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। भवानीपटना के सब-कलक्टर को जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।’
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘सब-कलक्टर सुकांत त्रिपाठी से यह पता लगाने को कहा गया है कि क्या आदिवासी व्यक्ति, दाना माझी को अपनी पत्नी का शव ले जाने के लिए बुधवार (24 अगस्त) को अस्पताल द्वारा वाहन देने से इनकार किया गया था।’ यह घटना बुधवार को उस वक्त हुई जब स्थानीय लोगों ने माझी को अपनी पत्नी अमांग देई का शव कंधे पर ले जाते देखा। माझी के साथ उसकी 12 साल की बेटी भी थी। माझी की 42 साल की पत्नी की मौत भवानीपटना के सदर अस्पताल में टीबी के कारण हो गई थी।
इस बीच, इस घटना को लेकर चौतरफा आलोचना का सामना कर रहे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुरुवार (25 अगस्त) को ‘महाप्रयाण’ योजना की शुरुआत की। किसी शव को अस्पताल से मृतक के घर तक ले जाने के लिए इस योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना की घोषणा छह माह पूर्व की गई थी। हरिशचंद्र योजना की सफलता के मद्देनजर महाप्रयाण योजना की शुरुआत की गई है। पटनायक ने कहा कि हरिश्चंद्र योजना के तहत गरीबों को शव के अंतिम-संस्कार के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है जबकि महाप्रयाण योजना के तहत शव को अस्पताल से मृतक के घर तक पहुंचाया जा सकेगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘सब-कलक्टर सुकांत त्रिपाठी से यह पता लगाने को कहा गया है कि क्या आदिवासी व्यक्ति, दाना माझी को अपनी पत्नी का शव ले जाने के लिए बुधवार (24 अगस्त) को अस्पताल द्वारा वाहन देने से इनकार किया गया था।’ यह घटना बुधवार को उस वक्त हुई जब स्थानीय लोगों ने माझी को अपनी पत्नी अमांग देई का शव कंधे पर ले जाते देखा। माझी के साथ उसकी 12 साल की बेटी भी थी। माझी की 42 साल की पत्नी की मौत भवानीपटना के सदर अस्पताल में टीबी के कारण हो गई थी।
इस बीच, इस घटना को लेकर चौतरफा आलोचना का सामना कर रहे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुरुवार (25 अगस्त) को ‘महाप्रयाण’ योजना की शुरुआत की। किसी शव को अस्पताल से मृतक के घर तक ले जाने के लिए इस योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना की घोषणा छह माह पूर्व की गई थी। हरिशचंद्र योजना की सफलता के मद्देनजर महाप्रयाण योजना की शुरुआत की गई है। पटनायक ने कहा कि हरिश्चंद्र योजना के तहत गरीबों को शव के अंतिम-संस्कार के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है जबकि महाप्रयाण योजना के तहत शव को अस्पताल से मृतक के घर तक पहुंचाया जा सकेगा।
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