कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधा संदेश दिया कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भी भारत का हिस्सा है। हम संविधान के दायरे में रहकर इस समस्या का समाधान करेंगे लेकिन देश की अखंडता से कोई समझौता नहीं करेंगे। पैलेट गन के मामले पर भी फैसला हुआ कि इस मामले में एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट आने के बाद अहम फैसला लिया जाएगा।
पैलेट गन पर फैसला विशेषज्ञ समिति लेगी
कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाता सम्मेलन किया। पैलेट गन के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के बारे में सवाल के जवाब में दोनों नेताओं ने कहा कि इस संबंध में गृह मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समिति का पहले ही गठन कर दिया है। समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। जेटली ने कहा कि हमें सुरक्षा पहलुओं को देखना होगा और एक दूसरा विकल्प भी तलाशना होगा। उन्होंने कहा कि पैलेट गन का इस्तेमाल वर्ष 2010 में भी किया गया था लेकिन इस बार इस पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि जहां तक सुरक्षा की बात है तो उसमें कोई कमी नहीं की जाएगी, लेकिन सुरक्षा बल अत्यधिक संयम के साथ कार्रवाई करेंगे।
कश्मीर जाएगा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल
कश्मीर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने पर सिंह ने कहा कि ऐसा कोई दल भेजने से पहले राज्य सरकार को कुछ जमीनी काम करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जैसे ही मुझे जमीनी काम पूरे होने के बारे में सूचित करेंगी, हम प्रतिनिधिमंडल को भेजने के बारे में विचार करेंगे। सर्वदलीय बैठक के निष्कर्ष पर जेटली ने कहा कि सभी दलों ने एक स्वर में अपनी बात कही और सही इरादे से अपने विचार पेश किए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों में इस बात पर सहमति थी कि आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं होगा।
सरकार कश्मीरियों की शिकायत दूर करेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार कश्मीर के लोगों की शिकायतें संविधान के अनुरूप दूर करेगी। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि देश की अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पीएम ने यह बात कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक के दौरान कही। मोदी ने इस पर जोर दिया कि केंद्र संविधान के बुनियादी सिद्धांतों के आधार पर स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार संविधान के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर के सभी वर्गों की शिकायतें दूर करने को तैयार है। एक हफ्ते से भी कम समय में यह दूसरा मौका है जब प्रधानमंत्री ने कश्मीरी जनता की बात की और वहां के सभी पक्षों के साथ बात करने की इच्छा जताई।
COMMENTS