भारत को रियो ओलिंपिक में बुधवार देर रात जब पहला मेडल हासिल हुआ, तो पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई थी. गुरुवार रात देश को एक बार फिर मेडल पक्का होने की खबर मिली, जब एक और भारतीय बेटी ने कमाल कर दिया. हम बात कर रहे हैं, देश की नई बैडमिंटन सनसनी पीवी सिंधु की. सिंधु ने ओलिंपिक इतिहास में बैडमिंटन फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय होने का गौरव हासिल कर लिया. उन्होंने सेमीफाइनल में छठी रैंकिंग वाली जापान की नोजोमी ओकुहारा को सीधे सेटों में 21-19 और 21-10 से हराया. इसके साथ ही उनका सिल्वर पक्का हो गया है और अब वह गोल्ड के लिए जान लड़ाएंगी, जिसमें उनका मुकाबला स्पेन की वर्ल्ड नंबर वन कैरोलिना मारिन से शुक्रवार शाम 7.30 बजे होगा...
T 2352 -Pusarla V Sindhu ने महिला badminton #Rio 2016 में जीत हासिल करके सिद्ध कर दिया की Silver /Gold (cont) https://t.co/sm7mzXkx1D— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) August 18, 2016
T 2352 - Never ever underestimate power of female gender ! #PVSindhu you have destroyed so many 'naysayers' .. you are the PRIDE of INDIA !— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) August 18, 2016
T 2352 - #PVSindhu in Finals of women's badminton ..never before has any Indian ever reached the finals of this sport at #Rio2016 ..HISTORY— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) August 18, 2016
T 2352 - #PVSindhu ...aapne 'bolne walon' ki bolti bund kar di .. karm bolta hai aur wo kabhi kabhi 'kalam' ko bhi hara deta hai ! BADHAI !!— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) August 18, 2016
So so sooooo proud of you 😘😘 fighter .. 💪💪💪 #favorite #champion @Pvsindhu1 pic.twitter.com/lLkS3gwLrM— Sania Mirza (@MirzaSania) August 18, 2016
दूसरा गेम : 10 के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा
दूसरे गेम में पीवी सिंधु ने आक्रामक अंदाज में शुरुआत की और पहले 2 मिनट में 3-0 की बढ़त हासिल कर ली. इस बीच उनके स्मैश देखने लायक रहे. उन्होंने नोजोमी की कमजोरी के देखते हुए लंबी रैली जारी रखी और बीच-बीच में नेट पर भी खूबसूरत खेल दिखाया. चौथे मिनट में नोजोमी ने भी कोशिश की और लगातर दो अंक हासिल कर लिए (स्कोर- 3-2). नोजोमी ने 2 अंक लेकर स्कोर 3-4 कर लिया. फिर स्कोर 4-5 भी हो गया, तभी सिंधु ने जोरदार स्मैश से वापसी की (स्कोर- 5-5), लेकिन वह बढ़त नहीं बना पाईं. एक बार फिर नौवें मिनट में स्कोर बराबर (7-7) हो गया. 12वें मिनट में सिंधु ने एक बार फिर बढ़त का मौका खो दिया.
उनकी सर्विस आउट हो गई. 12वें मिनट में सिंधु को बढ़त मिली. 14वें मिनट में ब्रेक हुआ. सिंधु 11-10 से आगे. कोच पुलेला गोपीचंद उन्हें गलतियों से बचने की सलाह देते नजर आए. 16वें मिनट में 1वीं रैंकिंग वाली पीवी सिंधु ने करारा शॉर्ट स्मैश खेला, जिसका 6ठी रैंकिंग वाली नोजोमी के पास कोई जवाब नहीं था (स्कोर- 14-10). सिंधु ने इसके बाद अपनी बढ़त को 5 अंक आगे कर लिया (स्कोर- 16-10). इसके बाद तो सिंधु ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और साइना नेहवाल के बाहर हो जाने की कमी को पूरा करते हुए शानदार खेल दिखाया (स्कोर- 19-10). अंतिम दो पॉइंट उन्होंने पलक झपकते ही हासिल कर लिए और फाइनल में प्रवेश कर गईं...यह सेट 22 मिनट चला...
पहले गेम में सिंधु ने अपने फॉर्म के अनुरूप शुरुआत की है और नोजोमी पर बढ़त बना ली. हालांकि जापान की खिलाड़ी ने बीच-बीच में सर्विस ब्रेक करते हुए पॉइंट हासिल किए. 7वें मिनट तक के खेल में सिंधु अपनी लीड को 4 अंक आगे ले जाते हुए स्कोर 8-4 कर दिया. इसके बाद नोजोमी ने वापसी की और लगातार 2 अंक हासिल कर लिए. सिंधु ने एक बार फिर सर्विस ब्रेक की और बढ़त को 9-6 कर लिया. सिंधु ने पहले गेम में पूरे समय लंबी रैली खिलाई और नोजोमी को नेट के पास आकर खेलने का मौका नहीं दिया, जिसके लिए वह कोशिश कर रहीं थी.
इस बीच सिंधु के स्मैश देखने लायक रहे. 13 मिनट के खेल में सिंधु ने 11-8 की बढ़त बना ली. सिंधु ने कुछ शॉर्ट स्मैश भी जमाए. इसके बाद नोजोमी ने बॉडी लाइन स्मैश खेला और स्कोर 12-9 कर लिया. सिंधु ने इस पर वीडियो रेफरल लिया, लेकिन अंपायर का फैसला सही निकला. नोजोमी ने इसके बाद शानदार खेल दिखाया और स्कोर में 1 अंक और जोड़कर सिंधु के कुछ करीब पहुंच गईं. एक बार फिर सिंधु ने आक्रामक खेल दिखाते हुए दो अंक हासिल कर लिए. 18वें मिनट में नोजोमी ने कड़ी टक्कर दी. सिंधु ने अपनी गलतियों से भी कुछ अंक गंवाए. 21वें मिनट में स्कोर 17-15 रहा. 23वें मिनट में नोजोमी सिंधु के और करीब पहुंच गईं (18-17). 25वें मिनट में नोजोमी की वापसी (20-19), लेकिन मैच बचाने के लिए पर्याप्त नहीं थी.. पहला सेट 27 मिनट में 21-19 से सिंधु के नाम हो गया...
बैडमिंटन फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय
ओलिंपिक बैडमिंटन फाइनल में पहुंचने वाली पीवी सिंधु देश की पहली खिलाड़ी हैं. उनसे पहले साइना नेहवाल ओलिंपिक सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली खिलाड़ी थीं. क्वार्टर फाइनल में वर्ल्ड नंबर दो और लंदन ओलिंपिक की रजत पदक विजेता वांग यिहान को हराने के बाद पीवी सिंधु के हौसले बुलंद थे. उन्होंने मैच के बाद इसे अभिव्यक्त भी किया था और इसे अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ पल बताया था.
सिंधु ने कहा था,‘‘यह रियो ओलिंपिक है, यह जीत जीवन के सर्वश्रेष्ठ पलों में से एक है. उम्मीद है कि ऐसे कई और पल आएंगे.’’ दुनिया की 10वें नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने दूसरी रैंकिंग वाली वांग को 22-20, 21-19 से हराया
सिंधु का रियो में सेमी से पहले का सफर
रियो ओलिंपिक में बैडमिंटन के महिला वर्ग में पीवी सिंधु ने जहां क्वार्टर फाइनल में वर्ल्ड नंबर दो वांग यिहान को 22-20, 21-19 से हराया था, वहीं प्री-क्वार्टरफाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए ताइपेइ की यिंग जू ताइ को सीधे गेम में हरा दिया. उन्होंने सीधे सेटों 21-13, 21-15 में यिंग को हराकर मैच जीता. पूरे मैच में सिंधु को दबदबा रहा. उनको मैच जीतने में बहुत मशक्कत नहीं करनी पड़ी.
इससे पहले वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो बार कांस्य जीत चुकीं पीवी सिंधु को रविवार को अपना दूसरा ग्रुप मैच जीतने के लिए एक घंटा 11 मिनट तक कठिन संघर्ष करना पड़ा. सिंधु ने पहले गेम में कनाडा की मिशेल ली को कड़ी चुनौती दी और हार मानने से पहले 24 मिनट तक संघर्ष किया. इसके बाद दोनों सेट जीतकर प्री-क्वार्टर फाइनल (राउंड ऑफ-16) में जगह बना ली. सिंधु ने ली को 19-21, 21-15, 21-17 से हराया.
हालांकि पीवी सिंधु ने अपने पहले मैच में शानदार जीत दर्ज की थी और हंगरी की लौरा सारोसी को सीधे गेम में 21-8, 21-9 से हराया था. ओलिंपिक में सिंधु को नौवीं रैंकिंग मिली है. उन्होंने ग्रुप-एम के अपने पहले मैच में दमदार प्रदर्शन करते हुए पहला गेम 13 मिनट में और दूसरा गेम 14 मिनट में अपने नाम किया था.
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