नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आगरा में परिवर्तन रैली में फिर हुंकार भरी। पीएम ने रैली में नोटबंदी पर एक बार फिर से कहा कि इससे गरीबों को तो कोई फर्क नहीं पड़ा पर अमीरों की नींद उड़ी हुई है। पीएम ने कहा कि 8 तारीख को नोटबंदी के बाद से अब तक पांच लाख करोड़ से ज्यादा रकम लोगों ने बैंकों में जमा किया है। इससे पहले पीएम मोदी ने आगरा में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का उद्घाटन किया।
आगरा में कोठी मीना बाजार मैदान में रविवार को परिवर्तन रैली को सम्बोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब हर गरीब के पास अपना घर होगा। 2022 तक हर परिवार के पास अपना घर होगा। हमारी सरकार गरीबों को समर्पित सरकार है। मैं गरीबों की जिंदगी में बदलाव लाऊंगा। हमारी सरकार बेरोजगारों को राजमिस्त्री की ट्रेनिंग देंगी। इससे पहले पीएम मोदी ने पुखरायां में हुए ट्रेन हादसे पर दुख जताया। मृतकों के परिजनों की आर्थिक मदद की जाएगी।
पीएम ने कहा कि मैं देश के ईमानदार लोगों का, गरीब लोगों का, गांव के लोगों का सिर झुकाकर नमन करता हूं। देश के कालाबाजारियों से, भ्रष्टाचारियों से, कालेधन से मुक्त करने के लिए जो बीड़ा मैंने उठाया है, उसमें सबसे ज्यादा साथ मुझे गरीबों का ही मिला है।
नोटबंदी पर उन्होंने कहा कि मैंने 50 दिन कहा था। ये काम समय लेने वाला काम है। मैंने कहा था असुविधा होगी, तकलीफ होगी। मैं हैरान हूं कि मेरे देशवासी कालेधन से मुक्त करने के लिये मेरे गरीब, मध्मय वर्ग, आदिवासी, माताएं बहनें कष्ट उठा रही हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपका तप बेकार नहीं जाएगा। देश सोने की तरह तप कर बाहर निकलेगा।
मैंने 8 तारीख को भी बोला था कि मैं व्यवस्था की समीक्षा करूंगा और जरूरत पड़ेगी तो उसमें सुधार करूंगा। हम लकीर के फकीर नहीं हैं। पीएम मोदी ने कहा कि गरीब का पैसा लूटा गया है, इसलिए मैंने ये लड़ाई शुरू की।
पीएम ने कहा कि हमने पीएम जनधन योजना शुरू की, ताकि गरीब का बैंक में खाता हो। आधार योजना शुरू की ताकि गरीब के हक का खाता सीधे उसके खाते में पहुंचे। बिचौलिया ना खा पाये। हमने उज्ज्वला योजना चलाई, ताकि मेरी गरीब मां चूल्हे पर खाना नहीं बनाये, बल्कि गैस पर खाना बनाये। चूल्हे पर खाना बनाने के कारण 400 सिगरेट का धुंआ उसके अंदर चला जाता है। अब धुएं में मां को मरना नहीं पड़ेगा, बच्चों को धुएं में रोना नहीं पड़ेगा। लकड़ी काटने के लिये जंगल-जंगल भटकना नहीं पड़ेगा।
आजादी के 70 साल बाद भी कई गांव 18वीं सदी में जीते थे। 1000 दिन में मुझे गांवों में बिजली का काम पूरा करना है। सबसे ज्यादा गांव यूपी के हैं, जहां बिजली नहीं पहुंची थी। 96 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
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