नई दिल्ली। भारत की खुफिया एजेंसियां पिछले 23 साल से दाऊद की तलाश में लगी हुई हैं और वो आईएसआई की मदद से पाकिस्तान में बैठकर आतंक की दुकान चला रहा है। लेकिन, अब उसका खेल खत्म हो चुका है। ऑपरेशन 26 दिसंबर दाऊद को भारत लाने का वो ऑपरेशन है, जिससे उसे भारत लौटने के लिए मजबूर कर दिया गया है। इस ऑपरेशन की वजह से पूरी दुनिया में आतंक का नेटवर्क चलाने वाले दाउद को अब कहीं जगह नहीं मिल रही है।
12 मार्च 1993 को हुए मुंबई में धमाके के बाद दाऊद ने भारत छोड़ दिया। पिछले 23 सालों से भारत के इस सबसे बड़े गुनहगार की तलाश जारी है लेकिन, दुश्मन भारत का था तो पाकिस्तान ने उसे अपना दोस्त बना लिया। उसे अपने घर में न सिर्फ पनाह दी बल्कि, पूरी सुरक्षा भी दी। पिछले 23 सालों से वो पाकिस्तान में बैठकर भारत के खिलाफ साजिशें रचता रहा है, लेकिन अब दाऊद का खेल खत्म हो चुका है।
दुनियाभर में आतंक, ड्रग और हथियारों का नेटवर्क चलाने वाले दाऊद के लिए अब कहीं कोई ठिकाना नहीं बचा। भारत ने दाऊद पर शिकंजा कसने के लिए एक ऐसा ऑपरेशन चलाया कि वो खुद भारत आने के लिए मजबूर हो चुका है। दरअसल भारत के सबसे बड़े गुनहगार को कानून के सामने खड़ा करने के लिए ही ऑपरेशन 26 दिसंबर शुरू किया गया।
ऐसे टूटी दाऊद की कमर
दाऊद पर शिकंजा कसने के लिए एक ऐसा प्लान तैयार किया गया जिससे उसके काले धंधे पर सबसे ज्यादा चोट की गई। उसके उन ठिकानों को खत्म किया गया जहां से वो अपना काम करता था। इस तरह काली कमाई का जरिया खत्म हो गया। साथ ही उसके नेटवर्क को काट दिया। इससे वो इतना कमजोर हो गया कि उसे पनाह देने वाली आईएसआई के लिए ही वो बेकार हो गया। इन सबसे बेहाल दाऊद बीमार पड़ गया।
ये सब कुछ दाऊद का खेल खत्म करने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन 26 दिसंबर का हिस्सा है। भारत के इस ऑपरेशन के बाद दाऊद की ऐसी हालत हो गई कि वो खुद भारत आने के लिए मजबूर हो गया है क्योंकि ऑपरेशन 26 दिसंबर की वजह से अब उसके सिर पर मौत का खतरा मंडराने लगा है।
दाऊद ऑपरेशन 26 दिसंबर में ऐसा घिर चुका है कि अगर वो भारत नहीं आता तो बेमौत मारा जाएगा। दाऊद अब खुद पाकिस्तान से मुंबई लौटना चाहता है और उसने खुद अपने सूत्रों के जरिए लौटने की इच्छा जताई है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्यों लौटना चाहता है दाऊद? दरअसल, भारत की विदेश नीति के बाद दाऊद को लेकर पाकिस्तान दबाव में हैं। ऑपरेशन 26 दिसंबर के शिकंजे में कसने के बाद दाऊद बीमार हो गया। अब बेकार दाऊद से आईएसआई भी पीछा छुड़ाना चाहती है।
आईएसआई से डरा दाऊद
सूत्रों के मुताबिक एक तरफ दाऊद का पूरा नेटवर्क खत्म हो गया है। दूसरी ओर आईएसआई भी अब कमजोर पड़ चुके दाऊद को कोई मदद नहीं दे रही है। यहीं नहीं, माना ये भी जा रहा है कि आईएसआई दाऊद को खत्म करा सकती है। इसी डर से भारत आना अब दाऊद के लिए मजबूरी बन गया है।
पाकिस्तान ने नहीं किया दाऊद को स्वीकार
दाऊद आज भी पाकिस्तान में बेगाना ही है। आज भी पाकिस्तान और वहां के लोगों ने उसे स्वीकार नहीं किया है। पाकिस्तानी समाज में घुलने मिलने के लिए उसने जावेद मियांदाद से रिश्तेदारी जोड़ी। अपने दूसरे बच्चों की शादियां भी पाकिस्तान में ही की लेकिन फिर भी उसे स्वीकार नहीं किया गया।
इस बीच खुफिया एजेंसियों के हवाले से आईबीएन7 को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक डॉन की सेहत लगातार गिरती जा रही है। दाऊद की सेहत इतनी खराब हो गई है कि उसे डर सता रहा है कि कहीं उसकी मौत न हो जाए और उसे अब पाकिस्तान में चल रहे इलाज पर भी भरोसा नहीं हो रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि दाऊद इब्राहिम के शरीर के कई अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। दाऊद को मल्टी आर्गन फेल्योर का डर सता रहा है।
दाऊद को भारत में बेहतर इलाज मिल सकता है। दाऊद चाहता है कि मौत के बाद उसे भारत में दफनाया जाए। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक 26 दिसंबर को दाऊद का जन्मदिन है और उसे उसके जन्मदिन तक भारत लाने का ऑपरेशन चलाया गया है। इसलिए इसे ऑपरेशन 26 दिसंबर भी कहा जा रहा है।
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