नई दिल्ली। ‘कहानी2’ की कहानी भी पिछली कहानी की तरह एक थ्रिलर है मगर अफसोस दर्शक बड़ी आसानी से समझ जाएगा कि इस सस्पेंस का अंत कैसा होनेवाला है और यही ‘कहानी 2’ की सबसे बड़ी कमज़ोरी है। ‘कहानी 2’ की कहानी दुर्गा रानी और एक बच्ची मिनी की कहानी है जिसका शोषण हो रहा है। 6 साल की मिनी को उसके चाचा की गंदी हरकतों से बचाने के लिए दुर्गा मिनी की दादी और यहां तक की पुलिस की मदद भी लेने की कोशिश करती है। लेकिन उल्टे वही मिनी की दादी की हत्या के आरोप में फंस जाती है।
ऐसे में दुर्गा अपनी पहचान बदलकर मिनी के साथ दूसरे शहर में रहने लगती है। मिनी को लकवा मार चुका है और विद्या उसके इलाज की कोशिश में है तभी मिनी का अपहरण हो जाता है। अर्जुन रामपाल एक इमानदार इंस्पेक्टर की भूमिका हैं जो फिल्म को एक सुखद अंत ले जाते हैं। क्योंकि ‘कहानी 2’ को हमेशा पहली कहानी से तोला जाएगा, तो इसमें ढेरों कमियां निकलेंगी। डायरेक्टर सुजॉय घोष अगर भविष्य में तीसरी कहानी बनाते हैं तो यह उनके लिए आत्महत्या करने के बराबर होगा। इंटरवेल तक फिल्म काफी दिलचस्प है लेकिन उसके बाद अपनी पकड़ खो देती है। विद्या बालन अपने अभिनय से फिल्म की कई खामियां छीपा लेती हैं।
लेकिन बीटीडीडी फिल्म रिव्यू में अच्छे नंबर हासिल करने के लिए इतना काफ़ी नहीं है। ख़राब संगीत और कई जगहों पर अविश्वनीय पटकथा ने भी फिल्म की क्वालिटी को कम किया है। वहीं कुछ ऐसी घटनाएं भी हैं जिनके बारे में जो इस फिल्म को थ्रीलर और सस्पेंस कुछ भी नहीं रहने देती। को फिल्म की तमाम अच्छाईयोंऔर कमियों का लेखाजोखा करने के बाद 'कहानी 2' को पांच में ढाई स्टार्स ही मिल पाए हैं। यानि फिल्म एक बार को देखी जा सकती है। अब ये आपको तय करना है कि आप इसे अभी के अभी सिनेमाघर में देखना चाहते हैं या टीवी पर थोड़े इंतज़ार के बाद।
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