लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद की कार्यवाही नहीं चलने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि कालेधन और नोटबंदी पर चर्चा से विपक्ष नहीं बल्कि सत्ता पक्ष लोग ही भागते रहे।
मायावती ने आज जारी बयान में कहा कि कालेधन और नोटबंदी आदि के मुद्दे पर संसद में चर्चा से विपक्ष नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के लोग भागते रहे क्योंकि बिना तैयारी के लिए गए अपने नोटबंदी के फैसले का जवाब देने की हिम्मत वे नहीं जुटा पा रहे थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी और इसकी सरकार ही सदन की कार्यवाही नहीं चलने देने के लिए जिम्मेदार है क्योंकि प्रधानमंत्री या तो बाहर रहे या चर्चा में भाग नहीं लिया। बल्कि संसद के बाहर रैलियों आदि में गुमराह करने वाली बयानबाजी करके संसद की गरिमा को क्षति पहुंचाई।
बीएसपी प्रमुख ने कहा कि मोदी देश की जनता से बलिदान देने की अपील दोहराते रहे, जबकि बैंक के बाहर लोगों की लगातार मौते हो रही हैं। यह अत्यन्त ही दु:खद व सरकार की विफलता का प्रतीक है। मायावती ने प्रधानमंत्री मोदी की आज कानपुर में हुई रैली का जिक्र करते हुए कहा कि भाड़े पर जुटाई गई भीड़ के सामने आज भी उन्होंने घिसी पिटी बाते की और बैंको पर लाइन लगाए खड़ी 90 प्रतिशत जनता के लिए राहत की कोई बात नहीं कही है।
उन्होंने यह भी मांग की कि जिस तरह तमिलनाडु सरकार ने वहां की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद के घटनाक्रम में मरने वाले लगभग 600 लोगों को 3-3 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है उसी तरह केंद्र सरकार को बैंकों की कतार में मरने वालों के परिजनों के लिए मुआवजे की व्यवस्था करनी चाहिए।
बीएसपी प्रमुख ने मोदी सरकार पर तंज करते हुए कहा कि ढाई साल तक उसे उत्तर प्रदेश में फैला गुंडाराज दिखाई नहीं पड़ा अब जब विधानसभा के चुनाव आ गए तब गुंडाराज हटाने की बात कर रहे हैं।
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