तिरुवनंतपुरम: भारी बारिश और विनाशकारी बाढ़ के बाद अब जिंदगी पटरी पर लाने की जद्दोजेहद में जुटे केरल ने केंद्र सरकार से 2600 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मांगा है. राज्य में बाढ़ की वजह से 350 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है और 10 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए. मुख्मयंत्री पिनरई विजयन की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने अपनी एक बैठक में मनरेगा समेत केंद्र की विभिन्न योजनाओं के तहत उससे एक विशेष पैकेज मांगने का निर्णय लिया. विजयन ने कहा कि इस आपदाकारी बाढ़ से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करने के लिए 30 अगस्त को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. पिछले सौ साल में पहली बार ऐसी विनाशकारी बाढ़ आई है.
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने पहले कहा था कि भारी बारिश और बाढ़ से राज्य को करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. प्रधानमंत्री और दो अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने राज्य के लिए अब तक 680 करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता की घोषणा कर चुके हैं.
विजयन ने कहा कि केरल केंद्र से उस ऋण की सीमा बढ़ाने का भी आह्वान करेगा, जिसे वह बड़े पैमाने पर पुनर्निर्माण कार्य के लिए खुले बाजार से हासिल कर सके. राज्य के कुल 14 जिलो में 13 बाढ़ से तबाह हो गए हैं और लोगों की आंखों में विनाश की लीला का डर समाया हुआ है.
नयनाभिराम केरल की मानवीय त्रासदी की कहानी सामने आने के साथ राहत के लिए हाथ बढ़ने लगे हैं. अन्य राज्यों की सरकारें, कॉरपोरेट निकायों, व्यक्तियों ने दिल खोलकर दान करना शुरू कर दिया है.
विजयन ने बताया है कि संयुक्त अरब अमीरात ने राज्य के पुनर्निर्माण कार्य के लिए करीब 700 करोड़ रुपये की सहायता का वादा किया है. अबू धाबी के शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और इस सहायता की पेशकश की.
राज्य स्तरीय बैंकर समिति ने भी कृषि ऋण की अदायगी पर साल भर के लिए छूट देने का निर्णय लिया है. करीब 2.12 लाख महिलाओं, 12 वर्ष से कम उम्र के एक लाख बच्चों समेत 10.78 लाख से लोगों ने 3,200 राहत शिविरों में शरण ले रखी है.
करीब पंद्रह दिन पहले मॉनसून ने राज्य पर अपना कहर बरपाना शुरू किया था और लोगों को ऐसे में अपना घरबार छोड़कर राहत शिविरों की शरण में जाना पड़ा. हालांकि बीते दो दिन से बरसात से कुछ राहत मिली है लेकिन बाढ़ प्रभावित एर्नाकुलम, त्रिशूर, पथनमथिट्टा, अलाफुझा और कोल्लम जिलों के विशाल हिस्से में अब भी जलस्तर ऊंचा बना हुआ है.
बाढ़ में फंसे ज्यादातर लोग सुरक्षित बाहर ले निकाल लिए गए हैं, लेकिन राज्य सरकार एवं रक्षाबलों ने कहा है कि जबतक अंतिम व्यक्ति बाहर सुरक्षित नहीं निकाल लिया जाता, बचाव प्रयास जारी रहेंगे. केवल पिछले पांच दिनों में 1.63 लाख से अधिक लोगों को बचाया गया है.
राज्य के इस भयंकर त्रासदी के अंधेरे में डूबने के साथ ही ओणम का रंग भी फीका हो गया है तथा सरकार एवं अन्य निकायों ने 25 अगस्त के कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है.
इस उत्सव के लिए एकत्र पैसे अब बाढ़ राहत पर खर्च किए जाएंगे. कल का बकरीद भी बिल्कुल सामान्य रहेगा.
विजयन ने कहा कि अधिकांश स्थानों पर रेल एवं सड़क यातायात बहाल हो गया है, लेकिन मलबे की सफाई बहुत बड़ा काम है और उसके लिए विशाल कार्ययोजना तैयार की जा रही है.
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने पहले कहा था कि भारी बारिश और बाढ़ से राज्य को करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. प्रधानमंत्री और दो अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने राज्य के लिए अब तक 680 करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता की घोषणा कर चुके हैं.
विजयन ने कहा कि केरल केंद्र से उस ऋण की सीमा बढ़ाने का भी आह्वान करेगा, जिसे वह बड़े पैमाने पर पुनर्निर्माण कार्य के लिए खुले बाजार से हासिल कर सके. राज्य के कुल 14 जिलो में 13 बाढ़ से तबाह हो गए हैं और लोगों की आंखों में विनाश की लीला का डर समाया हुआ है.
नयनाभिराम केरल की मानवीय त्रासदी की कहानी सामने आने के साथ राहत के लिए हाथ बढ़ने लगे हैं. अन्य राज्यों की सरकारें, कॉरपोरेट निकायों, व्यक्तियों ने दिल खोलकर दान करना शुरू कर दिया है.
विजयन ने बताया है कि संयुक्त अरब अमीरात ने राज्य के पुनर्निर्माण कार्य के लिए करीब 700 करोड़ रुपये की सहायता का वादा किया है. अबू धाबी के शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और इस सहायता की पेशकश की.
राज्य स्तरीय बैंकर समिति ने भी कृषि ऋण की अदायगी पर साल भर के लिए छूट देने का निर्णय लिया है. करीब 2.12 लाख महिलाओं, 12 वर्ष से कम उम्र के एक लाख बच्चों समेत 10.78 लाख से लोगों ने 3,200 राहत शिविरों में शरण ले रखी है.
करीब पंद्रह दिन पहले मॉनसून ने राज्य पर अपना कहर बरपाना शुरू किया था और लोगों को ऐसे में अपना घरबार छोड़कर राहत शिविरों की शरण में जाना पड़ा. हालांकि बीते दो दिन से बरसात से कुछ राहत मिली है लेकिन बाढ़ प्रभावित एर्नाकुलम, त्रिशूर, पथनमथिट्टा, अलाफुझा और कोल्लम जिलों के विशाल हिस्से में अब भी जलस्तर ऊंचा बना हुआ है.
बाढ़ में फंसे ज्यादातर लोग सुरक्षित बाहर ले निकाल लिए गए हैं, लेकिन राज्य सरकार एवं रक्षाबलों ने कहा है कि जबतक अंतिम व्यक्ति बाहर सुरक्षित नहीं निकाल लिया जाता, बचाव प्रयास जारी रहेंगे. केवल पिछले पांच दिनों में 1.63 लाख से अधिक लोगों को बचाया गया है.
राज्य के इस भयंकर त्रासदी के अंधेरे में डूबने के साथ ही ओणम का रंग भी फीका हो गया है तथा सरकार एवं अन्य निकायों ने 25 अगस्त के कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है.
इस उत्सव के लिए एकत्र पैसे अब बाढ़ राहत पर खर्च किए जाएंगे. कल का बकरीद भी बिल्कुल सामान्य रहेगा.
विजयन ने कहा कि अधिकांश स्थानों पर रेल एवं सड़क यातायात बहाल हो गया है, लेकिन मलबे की सफाई बहुत बड़ा काम है और उसके लिए विशाल कार्ययोजना तैयार की जा रही है.
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