पटना: देश में कोरोनावायरस को लेकर लगाए गए 21 दिन के लॉकडाउन पर बिहार की नीतीश कुमार सरकार में मंत्री ने सवाल उठाए है. मंत्री ने कहा कि यह लॉकडाउन नाकाम हो चुका है. साथ ही कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ यूपी और दिल्ली सरकार जिम्मेदार है. नीतीश कुमार सरकार में मंत्री संजय झा ने बेहद कड़े शब्दों में साफ-साफ कहा है कि कोरोनावायरस से लड़ने के लिए लागू किया गया लॉकडाउन नाकाम हो चुका है, और इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी ज़िम्मेदार है.
जब संजय झा से पूछा गया कि क्या लॉकडाउन का मकसद नाकाम हो चुका है, उन्होंने कहा, "लॉकडाउन का मकसद था, जो जहां है, वहीं रहे... और इसी को ध्यान में रखकर हमने सभी इंतज़ाम किए थे, और (मुख्यमंत्री) नीतीश कुमार ने 100 करोड़ रुपये भी आवंटित किए थे.लेकिन आनंद विहार (दिल्ली) और उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों से विशेष बसों की व्यवस्था की गई, लोगों को बिहार के सीमाई जिलों तक पहुंचाया गया, हज़ारों की तादाद लोगों में यहां उतारा गया. हम लोगों ने लगभग 25,000 लोगों को उनके गांवों तक पहुंचाया है,
जबकि हमारी मूल योजना उन्हें स्पेशल कैम्पों में रखने की थी, लेकिन लोग हिंसक हो उठे और कुछ जगहों पर तो खुदकुशी करने की कोशिश की लोगों ने हमें गालियां देना शुरू कर शुरू दिया कि जब दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सरकारें हमारे आने की व्यवस्था कर रही हैं, तो आप हमें क्यों और कैसे कैम्पों में रहने के लिए मजबूर कर सकते हैं.
जब बिहार के मंत्री से पूछा गया कि इसके लिए किसे उत्तरदायी माना जाए, तो संजय झा ने कहा, "मैं ब्लेम गेम में यकीन नहीं करता, लेकिन जब आपने बसों की व्यवस्था की और आपने उन्हें यहां भेजा, तो आपने प्रधानमंत्री के लॉकडाउन के आह्वान की अवहेलना की, और उसे नाकाम कर दिया... जिसने भी बसों की व्यवस्था की, उसने जानबूझकर प्रधानमंत्री की योजना को नाकाम किया.
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