देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के बिक्री मूल्य में मंगलवार को 26 प्रतिशत की बड़ी कटौती की और इस तरह 2014 में घरेलू गैस का मूल्य निर्धारण फार्मूला आधारित बनाये जाने के बाद दाम सबसे निम्न स्तर पर आ गए हैं। प्राकृतिक गैस के दाम घटने से सीएनजी, पाइप के जरिये घरों तक पहुंचाई जाने वाली गैस के दाम भी कम होंगे लेकिन इससे ओएनजीसी जैसी गैस उत्पादक कंपनियों के राजस्व में भारी कमी आने की आशंका है।
2014 के बाद दूसरी बड़ी गिरावट
पेट्रोलियम मंत्रालय के योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ट (पीपीएसी) ने कहा है कि भारत में पैदा होने वाले मौजूदा गैस उत्पादन के बड़े हिस्से का दाम एक अप्रैल से अगले छह माह के लिए अब 2.39 डालर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) होगा। इससे पहले यह दाम 3.23 डालर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट पर था। वर्ष 2014 के बाद से यह छह माह में यह दूसरी बड़ी गिरावट आई है। वर्ष 2014 में मोदी सरकार ने प्राकृतिक गैस के दाम तय करने के लिए एक नया फार्मूले को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही गहरे समूद्री क्षेत्रों से निकलने वाली गैस का दाम भी 8.43 एमबीटीयू से घटकर 5.61 डालर पर आ गया है।
प्राकृतिक गैस के दाम हर साल एक अप्रैल और एक अक्टूबर को तय किये जाते हैं। प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल उर्वरक और बिजली उत्पादन में किया जाता है। इसका सीएनजी बनाने में भी इस्तेमाल होता है जिसे वाहन ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। घरों में खाना पकाने के लिए भी पाइप के जरिये सीएनजी पहुंचाई जाती है।
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