कोरोना लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने छूट की सीमाओं में एक बार फिर से विस्तार किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार से स्कूली किताबों, मोबाइल रिचार्ज की दुकानों, बिजली के पंखों की दुकानों को लॉकडाउन के दौरान खुले रहने की इजाजत दे दी है। वहीं, ब्रेड फैक्टरी, आटा और दाल मिलों को भी लॉकडाउन में छूट दी गई है। बुजुर्गों की देखरेख के लिए उनके साथ रहने वाले, मोबाइल प्रीपेड रिचार्ज यूनिट, शहरों में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को छूट में शामिल करने के लिए स्पष्टीकरण जारी किया है।
यह दिए निर्देश : गृहमंत्रालय के निर्देश के मुताबिक जो बुजुर्ग घरों में हैं और बीमार हैं, उनकी देखभाल के लिए आने वालों को लॉकडाउन में छूट रहेगी। वहीं, मोबाइल के प्रीपेड कनेक्शन को रिचार्ज करने की सुविधाएं दी जाएंगी। शहरी इलाकों में ब्रेड बनाने की फैक्ट्रियां, मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट, फ्लोर मिलें और दाल मिलें खुल सकेंगी। इन्हें जरूरी सेवाओं के तहत छूट दी गई है।
राज्यों को पत्र भेजा : गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा राज्यों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इस संबंध में लगातार स्पष्टीकरण मांगा जा रहा था। केंद्र ने अपने 15 अप्रैल और 16 अप्रैल को जारी किए गए निर्देश को ही स्पष्ट किया है। विशेष रूप से इन सेवाओं का नाम न होने की वजह से कई राज्यों में भ्रम हो रहा था।
समन्वय टीमें बनाईं: केंद्र सरकार लगातार राज्यों से जरूरी सेवाओं के बारे में फीडबैक हासिल कर रही है। भ्रम की स्थिति दूर करने के लिए समन्वय टीम भी बनाई गई है। बता दें कि देश में 3 मई तक लॉकडाउन है।
राज्य कर रहे थे मांग: बच्चों की पढ़ाई और गर्मी को देखते हुए कई राज्यों में मांग की जा रही थी कि स्टेशनरी और बिजली की दुकानों को कुछ समय के लिए खोला जाए। हालांकि, मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कार्यालयों, कारखानों और प्रतिष्ठानों में सामाजिक दूरी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
यह दिए निर्देश : गृहमंत्रालय के निर्देश के मुताबिक जो बुजुर्ग घरों में हैं और बीमार हैं, उनकी देखभाल के लिए आने वालों को लॉकडाउन में छूट रहेगी। वहीं, मोबाइल के प्रीपेड कनेक्शन को रिचार्ज करने की सुविधाएं दी जाएंगी। शहरी इलाकों में ब्रेड बनाने की फैक्ट्रियां, मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट, फ्लोर मिलें और दाल मिलें खुल सकेंगी। इन्हें जरूरी सेवाओं के तहत छूट दी गई है।
राज्यों को पत्र भेजा : गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा राज्यों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इस संबंध में लगातार स्पष्टीकरण मांगा जा रहा था। केंद्र ने अपने 15 अप्रैल और 16 अप्रैल को जारी किए गए निर्देश को ही स्पष्ट किया है। विशेष रूप से इन सेवाओं का नाम न होने की वजह से कई राज्यों में भ्रम हो रहा था।
समन्वय टीमें बनाईं: केंद्र सरकार लगातार राज्यों से जरूरी सेवाओं के बारे में फीडबैक हासिल कर रही है। भ्रम की स्थिति दूर करने के लिए समन्वय टीम भी बनाई गई है। बता दें कि देश में 3 मई तक लॉकडाउन है।
राज्य कर रहे थे मांग: बच्चों की पढ़ाई और गर्मी को देखते हुए कई राज्यों में मांग की जा रही थी कि स्टेशनरी और बिजली की दुकानों को कुछ समय के लिए खोला जाए। हालांकि, मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कार्यालयों, कारखानों और प्रतिष्ठानों में सामाजिक दूरी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
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