नई दिल्ली। संकट की इस घड़ी में लोगों को जिन चीजों को सबसे ज्यादा जरुरत है वो हैं खाने-पीने की वस्तुएं और रोजमर्रा के जरुरी सामान। सरकार ने इन चीजों की दुकानों को बंद नही किया है और इसलिए अभी तक कोई खास परेशानी इस मोर्चे पर नही दिखी है।
ई-कॉमर्स कंपनियां तो चावल-दाल से लेकर हर जरुरी समान बेचने का दावा करती है, लेकिन बंदी के इस दौर में इनकी हकीकत सामने आ गई है।
देश के गली-मोहल्लों, सोसायटी में चल रहे दुकानों ने बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को लॉकडाउन के पहले हफ्ते में पीछे छोड़ दिया है। आंकड़ों की बात करें तो देश में 2019-20 में खाद्य और परचून के सामान की सालाना बिक्री 550 अरब डॉलर रही थी।
जिसका बड़ा हिस्सा ई-कॉमर्स कंपनियों के पास है, लेकिन लाकडाउन में इन कंपनियों ने अपने हाथ खड़े कर दिए। क्योंकि इनका विस्तार ज्यादातर बड़े शहरों में ही है। वही छोटे दुकानदारों ने इस समय में लोगों को हर जरुरत का समान मुहैया कराकर मिशाल पेश की है।
ई-कॉमर्स कंपनियां तो चावल-दाल से लेकर हर जरुरी समान बेचने का दावा करती है, लेकिन बंदी के इस दौर में इनकी हकीकत सामने आ गई है।
देश के गली-मोहल्लों, सोसायटी में चल रहे दुकानों ने बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को लॉकडाउन के पहले हफ्ते में पीछे छोड़ दिया है। आंकड़ों की बात करें तो देश में 2019-20 में खाद्य और परचून के सामान की सालाना बिक्री 550 अरब डॉलर रही थी।
जिसका बड़ा हिस्सा ई-कॉमर्स कंपनियों के पास है, लेकिन लाकडाउन में इन कंपनियों ने अपने हाथ खड़े कर दिए। क्योंकि इनका विस्तार ज्यादातर बड़े शहरों में ही है। वही छोटे दुकानदारों ने इस समय में लोगों को हर जरुरत का समान मुहैया कराकर मिशाल पेश की है।
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