पूर्व भारतीय क्रिकेटर और भारतीय जनता पार्टी के सांसद गौतम गंभीर को उनके विस्फोटक खेल के साथ-साथ बेबाकी के लिए भी जाना जाता है। मुद्दा चाहे क्रिकेट से जुड़ा हो या समाज से गौतम अपनी बात रखने से कतई झिझकते नहीं हैं। उनके आक्रामक स्वभाव के साथ उनके पास एक बेहद प्यारा दिल भी है। गौतम गंभीर के अक्सर जरूरतमंदों की मदद करते हैं। उनके खेल के साथ ही उनकी नेकदिली के भी लाखों फैन है। कोरोना वायरस की वजह से भारत में लॉकडाउन की स्थिति है। इस बीच उन्होंने कुछ ऐसा किया है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है।
दरअसल, गौतम गंभीर की एक हाउस हेल्प का हाल ही निधन हो गया। वह ओडिशा से थी। गंभीर ने उनका अंतिम संस्कार किया। यह हाउस हेल्प उनकी दोनों बेटियों-अनाइजा और आजीन की देखभाल किया करती थीं। गंभीर उन्हें भी अपने परिवार की सदस्य मानते थे। गौतम गंभीर के इस दिल छू लेने वाले कदम की हर कोई सराहना कर रहा है।
गौतम गंभीर ने ट्वीट करते हुए लिखा- मेरी बच्चियों की देखभाल करने वाली कभी नौकरानी नहीं हो सकती। वह मेरा परिवार थीं। उनका अंतिम संस्कार करना मेरा कर्तव्य था। मैं जाति, मजहब और पेशे इस इतर हर इंसान को सम्मान देता हूं। इसी तरह हम एक बेहतर समाज बना सकते हैं। भारत को लेकर मेरा यही विचार है। ओम शांति।
Taking care of my little one can never be domestic help. She was family. Performing her last rites was my duty. Always believed in dignity irrespective of caste, creed, religion or social status. Only way to create a better society. That’s my idea of India! Om Shanti pic.twitter.com/ZRVCO6jJMd— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) April 23, 2020
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