वज़न बढ़ने का विज्ञान बड़ा सीदा-साधा है। यदि आप खाने-पीने के रूप में जितनी Calories ले रहे हैं उतनी burn नहीं करेंगे तो आपका weight बढ़ना तय है। दरअसल बची हुई Calorie ही हमारे शरीर में fat के रूप में इकठ्ठा हो जाती है और हमारा वज़न बढ़ जाता है।
खान–पान : वेट बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण होता है हमारा खान-पान. यदि हमारे खाने में कैलोरी की मात्र अधिक होगी तो वज़न बढ़ने के चान्सेस ज्यादा हो जाते हैं। अधिक तला-भुना , फ़ास्ट-फ़ूड, देशी घी, कोल्ड-ड्रिंक आदि पीने से शरीर में ज़रुरत से ज्यादा कैलोरीज इकठ्ठा हो जाती हैं जिसे हम बिना एक्स्ट्रा एफर्ट के बर्न नहीं कर पाते और नतीजा हमारे बढे हुए वज़न के रूप में दिखाई देता है. यदि आप इस बात की जानकारी रखें कि आपके शरीर को हर दिन कितने कैलोरी की आवश्यकता है और उतना ही consume करें तो आपका weight नहीं बढेगा।
इनएक्टिव होना : अगर आपकी दिनचर्या ऐसी है कि आपको ज्यादा हाथ-पाँव नहीं हिलाने पड़ते तो आपका weight बढ़ना लगभग तय है। ख़ास तौर पर जो लोग घर में ही रहते हैं या दिन भर कुर्सी पर बैठ कर ही काम करते हैं उन्हें जान-बूझ कर अपनी डेली-लाइफ में कुछ फिजिकल एक्टिविटी इन्वॉल्व करनी चाहिए. जैसे कि आप लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का प्रयोग करें, अपने इंटरेस्ट का कोई खेल खेलें , जैसे कि बैडमिंटन, टेबल-टेनिस, इत्यादि. यदि आप एक ट्रेडमिल या एक gym cycle afford कर सकें और उसे नियमित रूप से प्रयोग करें तो काफी लाभदायक होगा। वैसे सबसे सस्ता और सरल उपाय है कि आप रोज़ कुछ देर टहलने की आदत डाल लें।
अनुवांशिक(जेनेटिक्स) कारण: यदि आपके माता-पिता में से किसी एक का भी वज़न बहुत ज्यादा है तो आपका वज़न भी ज्यादा होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इसके आलावा जेनेटिक्स का असर आपको कितनी भूख लगती है, आपके शरीर में कितना far और muscle है , पर भी पड़ता है. यह व्यक्ति के metabolic rate और उसका शरीर inactive होने पर कितनी कैलोरी जलाता है इस पर भी प्रभाव डालता है।
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