लखनऊ के वैज्ञानिक प्रो. भरत राज सिंह की पुस्तक ‘क्लाइमेट चेंज’ के दो अध्याय विश्व का प्रतिष्ठित संस्थान ‘राष्ट्रीय स्नो एण्ड आइस डाटा सेंटर, नासा’ ने अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया है। यह पुस्तक वर्ष 2013 में क्रोशिया में प्रकाशित हुई थी। अगले ही वर्ष अमेरिका ने इसके एक अध्याय को कक्षा नौ से 12 के पाठ्यक्रम में शामिल किया था। प्रो. भरतराज की इस पुस्तक को वर्ष 2015 में लिम्का बुक रिकार्ड भी मिल चुका है।
भविष्यवाणी सही हुई
प्रो. सिंह की अन्य पुस्तक ग्लोबल वार्मिंग -काजेज, इम्पैक्ट एंड रेमेडीज में की गई भविष्यवाणी सही हुई है। क्रोशिया में अप्रैल 2015 में प्रकाशित पुस्तक में पाइन-आइसबर्ग पहाड़ के टूटने का जिक्र किया था। यह घटना सही हुई और 10-12 जुलाई 2017 में अंटार्कटिका (दक्षिणी-ध्रुव) टूटा था। उसका एक बड़ा भाग 23 अप्रैल 2020 को उससे अलग हो गया है।
इस आइसबर्ग की लम्बाई 19 किलोमीटर है और क्षेत्रफल करीब 175 वर्ग किलोमीटर है। इसके पिघलने से समुद्र के पानी की सतह लगभग 3.2 मीटर (10-11 फुट) बढ़ जाएगा। विश्व के कई निचले हिस्से के डूबने का खतरा है। बिना पिघला हिस्सा 2000-2700 वर्ग किलोमीटर का है। उसकी टक्कर व समुद्री तूफानों से भारी नुकसान होने की भी आशंका व्यक्त की है।
भविष्यवाणी सही हुई
प्रो. सिंह की अन्य पुस्तक ग्लोबल वार्मिंग -काजेज, इम्पैक्ट एंड रेमेडीज में की गई भविष्यवाणी सही हुई है। क्रोशिया में अप्रैल 2015 में प्रकाशित पुस्तक में पाइन-आइसबर्ग पहाड़ के टूटने का जिक्र किया था। यह घटना सही हुई और 10-12 जुलाई 2017 में अंटार्कटिका (दक्षिणी-ध्रुव) टूटा था। उसका एक बड़ा भाग 23 अप्रैल 2020 को उससे अलग हो गया है।
इस आइसबर्ग की लम्बाई 19 किलोमीटर है और क्षेत्रफल करीब 175 वर्ग किलोमीटर है। इसके पिघलने से समुद्र के पानी की सतह लगभग 3.2 मीटर (10-11 फुट) बढ़ जाएगा। विश्व के कई निचले हिस्से के डूबने का खतरा है। बिना पिघला हिस्सा 2000-2700 वर्ग किलोमीटर का है। उसकी टक्कर व समुद्री तूफानों से भारी नुकसान होने की भी आशंका व्यक्त की है।
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