ईद-उल-फितर का चांद देश के विभिन्न हिस्सों में रविवार (24 मई) को नजर आया। इसी के साथ सोमवार (25 मई) को ईद मनाई जाएगी। चांद दिखने के बाद लोगों ने भी एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। वहीं, कोरोना वायरस के प्रसार पर नियंत्रण के लिए देश में लॉकडाउन लागू हैं और मस्जिदों समेत तमाम धार्मिक स्थल बंद हैं। इसीलिए मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों से घर पर ही ईद की नमाज अदा करने का आग्रह किया है।
दिल्ली के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरुओं ने रविवार को लोगों से अपील की कि वे ईद मनाते समय सामाजिक मेलजोल से दूरी के नियम पर अमल के साथ-साथ लॉकडाउन नियमों का पालन करें। फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि चांद दिख गया है और सोमवार (25 मई) को ईद मनाई जाएगी। उन्होंने कहा, ''हमने लोगों से एक-दूसरे को गले लगाने और हाथ मिलाने से बचने के लिए कहा है।''
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने लोगों से सादगी से ईद मनाने और गरीब लोगों तथा अपने पड़ोसियों की मदद करने की अपील की। उन्होंने कहा, ''कोरोना वायरस के कारण ईद की नमाज पारंपरिक तौर पर अदा नहीं की जा सकेगी, लेकिन लोगों समझना चाहिए कि केवल सावधानी बरतने से ही वायरस को हराया जा सकता है।''
उत्तर प्रदेश:- लॉकडाउन के कारण इस बार कुछ अलग होगी ईद
इस बार की ईद कुछ अलग होगी क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन लागू है। ईद की पूर्व संध्या पर गुलजार रहने वाली अमीनाबाद, नजीराबाद, फतेहगंज, लाटूश रोड और कैसरबाग की सड़कों पर रविवार को सन्नाटा पसरा रहा। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अपील की है कि लोग ईद घर पर ही रहकर मनाएं। राजधानी लखनऊ के मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने कहा कि उन्होंने हर किसी से कहा है कि ईद की नमाज घर पर ही पढ़ें। ईद घर पर मनाएं। केवल मस्जिद में रहने वाले चार-पांच लोग ही वहां नमाज पढ़ेंगे। लोगों को सोशल मीडिया के जरिए ईद की मुबारकबाद दीजिए। हाथ मत मिलाइए, गले मत मिलिए। इसके अलावा आपका ईद का जो बजट है, उसका 50 प्रतिशत गरीबों में बांट दीजिए।
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