महामारी की वजह से संकट में फंसी दुनिया की अर्थव्यवस्था के बीच जहां दिग्गज कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई हैं। वहीं मुकेश अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस जियो हर हफ्ते अपने खजाने में करीब 20 हजार करोड़ रुपये जोड़ रही है। जियो ने तीन सप्ताह के भीतर फेसबुक समेत तीन कंपनियों से करार के जरिये करीब 60 हजार करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। सूत्रों के मुताबिक सऊदी अरब और अमेरिका की दो और कंपनियां जियो में भारी भरकम निवेश की तैयारी में हैं।
सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी निजी इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक रिलायंस जियो में 6500 करोड़ का निवेश कर सकती है। यह करार मई के अंत तक हो जाने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि सऊदी अरबिया पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (पीआईएफ) भी जियो में छोटी हिस्सेदारी खरीदना चाहती है। जनरल अटलांटिक और पीआईएफ ने अभी तक इस बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है।
हालांकि, जियो के सूत्रों का कहना है कि रिलायंस लंबी अवधि का लक्ष्य लेकर चल रही है और कई बातें पहले ही स्पष्ट कर चुकी है। उनका कहना है कि दिग्गज वैश्विक निवेशक कंपनियां यदि जियो जैसे भारतीय स्टार्टअप में निवेश को लेकर इतना उत्साहित हैं तो यह देश और कंपनी के लिए गौरव की बात है।
उल्लेखनीय है कि जियो में सबसे पहले फेसबुक ने 43.5 हजार करोड़ रुपये, उसके बाद सिल्वर लेक ने करीब पांच हजार करोड़ रुपये और पिछले दिनों विस्टा ने 11,367 करोड़ रुपये निवेश करने का ऐलान किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन कंपनियों के रणनीतिक निवेश से रिलायंस इंडस्ट्रीज को अपने कर्ज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी।
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