भारत-चीन में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के बीच नेपाल सरकार भारत से लगी सीमा के गांवों में अपने टेलीकॉम नेटवर्क को अपग्रेड कर रही है। नेपाल सरकार के अधिकारी ने बताया कि आने वाले दो-तीन महीनों में गावों में 4जी नेटवर्क के लिए मोबाइल टावर लगा दिए जाएंगे।
वहीं, भारतीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों का कहना है कि नेपाल अपने सीमावर्ती गांवों में एक चीनी दूरसंचार कंपनी की मदद से 4जी सेवाओं की शुरुआत करने पर काम कर रहा है। भारत-नेपाल सीमा पर अपने देश की ओर अधिकांश स्थानीय लोग नेपाली सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि उन्हें भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की तुलना में नेपाल से बेहतर गुणवत्ता वाली दूरसंचार सेवाएं मिलती हैं।
दार्चुला जिले के सहायक मुख्य जिला अधिकारी, टेक सिंह कुंवर ने बताया कि उत्तराखंड के पिथोरागढ़ में भारत-नेपाल सीमा के नजदीक दार्चुला जिले के नेपाल के गांव छंगरू, व्यास और तिनकर में सिग्नल की गुणवत्ता को और बढ़ावा देने के लिए यह काम चल रहा है।
कुंवर ने कहा, 'सीमा के पास के ग्रामीणों को बेहतर सेवाएं देने के लिए टेलीकॉम सर्विस में सुधार किया जा रहा है। उसी के लिए लगभग दो सप्ताह पहले दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र का दौरा किया था।' सीमावर्ती गांवों में 4जी सर्विस की शुरुआत के मुद्दे पर कुंवर ने बताया कि इस बारे में अधिक जानकारी तभी आ सकती है, जब टेलीकॉम के अधिकारी यहां फिर से आएंगे।
दार्चुला जिले के टेलीकॉम विभाग के अधिकारी के.बी. गुरुंग ने कहा, 'हां, हम इन तीन गांवों में टेलीकॉम सर्विस की सुधार के लिए काम कर रहे हैं। छंगरू और व्यास में तो पहले से ही मोबाइल टावर थे, लेकिन तिनकर में नहीं था।' उन्होंने बताया कि छंगरू और व्यास में 3जी सर्विस थी, जिसे हम 4जी पर अपडेट कर रहे हैं। इन दोनों गांवों के टावर सैटेलाइट के जरिए से ऑपरेट किए जाएंगे। वहीं, तिनकर में एक टावर को लगाया जाएगा। हालांकि, यह 4जी टावर नहीं होगा।
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