
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने पिछले हफ्ते सचिवों के 8 समूह बनाए थे जिन्हें बड़े बदलाव के लिए सुझाव देने हैं। इनमें से कई सुझावों को बजट में भी शामिल किया जा सकता है। सचिवों के समूह ने धार्मिक स्थलों को भी इनकम टैक्स के दायरे में लाने का सुझाव दिया है। लिहाजा मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च पर भी इनकम टैक्स लगाया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि सचिवों के समूह ने सेल्स टैक्स, सर्विस टैक्स और वैट चुकाने पर ग्राहकों को रियायत दिए जाने का सुझाव भी दिया है। साथ ही सचिवों के समूह ने बगैर रसीद के सामान की बिक्री पर लगी रोक का सख्ती से पालन करने का सुझाव दिया है। पिछली तारीख से मैट और डीडीटी जैसे टैक्स ना लगाए जाने का सुझाव दिया गया है। 10,000 रुपये से ज्यादा लेन-देन नकद में नहीं करने का सुझाव दिया गया है।
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