आज के समय तनाव एक आम बीमारी की तरह हो गया है जिसका शिकार हर तीसरा चौथा इंसान हो रहा है. कोई ऑफिस के कारण तनाव में है तो कोई फैमिली के कारण. बच्चे पढ़ाई को लेकर तनाव में आ जाते हैं तो कई लोग अपने वजन बढ़ने के कारण भी इस समस्या से ग्रसित हो रह हैं.
डिप्रेशन किसी भी इंसान को दो हफ्ते या इससे भी ज्यादा लंबे वक्त तक घेरे रहती है. साथ ही डिप्रेशन में किसी भी इंसान को अपना एनर्जी लेवल लगातार घटता महसूस होता है लेकिन एक अध्ययन के अनुसार, गंभीर डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं के गर्भधारण करने की संभावना कम हो सकती है.
इस अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया है कि गंभीर अवसाद से पीड़ित महिलाओं में पीरियड्स के दौरान गर्भाधान की संभावना सामान्य महिलाओं की तुलना में 38 प्रतिशत तक है. उन्होंने बताया कि अनुसंधान में इस चीज पर महिलाओं द्वारा डिप्रेशन की स्थिति में ली जाने वाली दवाओं का भी कोई असर नहीं दिखा. अमेरिका के बोस्टन यूनिवर्सिटी के येल निल्लनी ने कहा कि पूर्व के अध्ययन में बांझपन और अवसादरोधी दवाओं के संबंध के बावजूद वर्तमान में अवसादरोधी दवाओं का गर्भधारण की संभावना पर कोई नकारात्मक प्रभाव होता नहीं दिख रहा है.
निल्लनी ने कहा, 'हमारे अध्ययन के अनुसार डिप्रेशन के मध्य से गंभीर लक्षण के कारण गर्भधारण करने में देर हो सकती है और इस पर इस बात का कोई प्रभाव नहीं पड़ता कि वर्तमान में कौन सी डिप्रेशन रोधी दवाएं उन्हें दी जा रही हैं.' यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ अब्सटेट्रिक्स एंड गाइनोकोलॉजी में पब्लिश हुआ है.
डिप्रेशन किसी भी इंसान को दो हफ्ते या इससे भी ज्यादा लंबे वक्त तक घेरे रहती है. साथ ही डिप्रेशन में किसी भी इंसान को अपना एनर्जी लेवल लगातार घटता महसूस होता है लेकिन एक अध्ययन के अनुसार, गंभीर डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं के गर्भधारण करने की संभावना कम हो सकती है.
इस अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया है कि गंभीर अवसाद से पीड़ित महिलाओं में पीरियड्स के दौरान गर्भाधान की संभावना सामान्य महिलाओं की तुलना में 38 प्रतिशत तक है. उन्होंने बताया कि अनुसंधान में इस चीज पर महिलाओं द्वारा डिप्रेशन की स्थिति में ली जाने वाली दवाओं का भी कोई असर नहीं दिखा. अमेरिका के बोस्टन यूनिवर्सिटी के येल निल्लनी ने कहा कि पूर्व के अध्ययन में बांझपन और अवसादरोधी दवाओं के संबंध के बावजूद वर्तमान में अवसादरोधी दवाओं का गर्भधारण की संभावना पर कोई नकारात्मक प्रभाव होता नहीं दिख रहा है.
निल्लनी ने कहा, 'हमारे अध्ययन के अनुसार डिप्रेशन के मध्य से गंभीर लक्षण के कारण गर्भधारण करने में देर हो सकती है और इस पर इस बात का कोई प्रभाव नहीं पड़ता कि वर्तमान में कौन सी डिप्रेशन रोधी दवाएं उन्हें दी जा रही हैं.' यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ अब्सटेट्रिक्स एंड गाइनोकोलॉजी में पब्लिश हुआ है.
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