“मत कर यकीन अपने हाथों की लकीरों पर…………. नसीब उनके भी होते है, जिनके हाथ नहीं होते|”
एक भयानक हादसा
सन 2003 में 14 वर्ष के धवल, बिजली के तारों में फंसी अपनी पतंग निकाल रहे थे कि तभी एक ऐसा भयानक हादसा हुआ जिसने धवल की जिंदगी बदल दी| धवल बिजली के तारों की चपेट में आ गए और करंट लगने के कारण उनका शरीर बुरी तरह झुलस गया| इस हादसें में उनके हाथ इतनी बुरी तरह से जल गए कि उनके हाथों को काटना पड़ा|
संघर्षपूर्ण शुरुआत
उसकी जिंदगी कितनी संघर्षपूर्ण होगी जिसने 14 वर्ष की उम्र में अपने हाथ खो दिए हो| लेकिन धवल के माता-पिता ने धवल को निराशा के अँधेरे में डूबने नहीं दिया| उन्होंने धवल को प्रेरित किया| धवल जब हॉस्पिटल में थे तो उनकी माता उन्हें पेन और पेन्सिल पकड़ने की प्रेक्टिस करवाने लगी| हर रोज वे कुछ लिखने और पेंटिंग करने का प्रयास करने लगे| आठ महीनों की कड़ी मेहनत के बाद, वे बिना हाथों के पेंटिंग बनाना सीख गए|
आज धवल ने पेंटिंग में महारथ हासिल कर ली है| उनकी मनमोहक चित्रकारी को देखकर कोई यह सोच भी नहीं सकता कि यह पेटिंग एक ऐसे कलाकार ने बनाई है जिनके हाथ नहीं है|
धवल पेंटर होने के साथ साथ एक प्रेरक वक्ता (मोटिवेशनल स्पीकर) भी है| धवल न केवल पेटिंग करते है बल्कि वे गिटार भी अच्छा बजाते है और हर हफ्ते क्रिकेट व फुटबॉल खेलते है|बचपन में बिजली के तारों में फंसी पतंग के कारण उन्होंने अपने हाथ खो दिए लेकिन फिर भी धवल ने पतंग उड़ाना नहीं छोड़ा| उन्होंने कभी अपनी कमजोरी को खुद पर हावी होने नहीं दिया बल्कि उन्होंने अपनी इस कमजोरी को ही अपनी सबसे बड़ी ताकत बना दिया|
धवल जैसे अद्भुत लोग सही मायनों में इस देश के “हीरो” है जिसे हम सलाम करते है|
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