दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय को दी गई पैरोल की अवधि 3 अगस्त तक बढ़ा दी है। सहारा प्रमुख को उनकी माता के देहांत के बाद मानवीय आधार पर जेल से पैरोल पर रिहा किया गया था।शीर्ष अदालत ने हालांकि, इसके साथ ही राय पर कड़ी शर्तों रखते हुये उनसे 500 करोड़ रपए में बाकी 300 करोड़ रपये जमा कराने को कहा है जो उन्होंने जमा कराने का वादा किया था।
मुख्य न्यायधीश टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने राय को 11 मई के आदेश को याद दिलाते हुये कहा, ‘बहरहाल, आपको बकाया 300 करोड़ रुपये जमा कराने होंगे, अन्यथा वापस जेल जाना होगा।’ सुब्रत राय को इससे पहले 11 मई को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड :सेबी: के पास 200 करोड़ रपये जमा कराने के बाद दो माह के लिये पैरोल पर रिहा किया गया।
राय के लिये अदालत में पेश हुये वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बकाया 300 करोड़ रुपये जमा कराने के लिये साल के अंत तक का समय मांगा लेकिन पीठ ने कहा, ‘हम आपको पहले ही काफी समय दे चुके हैं।’ मुख्य न्यायधीश की अगुवाई वाली इस पीठ में न्यायमूर्ति ए.आर. दवे और ए.के. सीकरी भी शामिल हैं। उन्होंने पूरे मामले की तरफ ध्यान आकृष्ट करते हुये कहा कि इसकी वजह से ही सहारा प्रमुख को 4 मार्च 2014 से 6 मई 2016 तक जेल में बंद रहना पड़ा।
सिब्बल ने संपत्तियों को बेचने में आ रही दिक्कतों के बारे में बताया जिसपर पीठ ने कहा, ‘क्यों न हम एक रिसीवर नियुक्त कर दें और सभी संपत्तियां उसके हवाले कर दें।’ न्यायालय ने राय की पैरोल अवधि बढ़ाने के साथ ही समूह को और भी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने समूह को पहले केवल 19 संपत्तियों को बेचने की अनुमति दी थी इस एम्बार्गो (रोक) को अब हटा लिया गया है।
19 संपत्तियों में मुंबई की 600 एकड़ में बसी आंबे वैली और तीन विदेश स्थित होटल भी शामिल हैं। पीठ ने समूह को अब अन्य संपत्तियों को बेचने की भी अनुमति दे दी है ताकि आवश्यक धन जुटाया जा सके। पीठ ने सहारा समूह को 5,000 करोड़ रपये की बैंक गारंटी जुटाने के लिये उनकी दूसरी संपत्तियों की बिक्री और हस्तांतरित करने की भी अनुमति दे दी। राय को जेल से जमानत के लिये 5,000 करोड़ रुपये की राशि के अतिरिक्त इतनी ही राशि की बैंक गारंटी भी देनी होगी।
अदालत ने समूह को संपत्तियों की बिक्री क्षेत्र की सर्किल दर के 90 प्रतिशत पर बेचने की भी अनुमति दे दी।पीठ ने धन जुटाने के लिये सहारा समूह को उसके म्यूचुअल फंड, स्वर्ण जमाओं और शेयरों को बेचने की भी अनुमति दी है।
पीठ ने सिब्बल के इस आग्रह को भी स्वीकार कर लिया कि समूह को विदेशी निवेश बैंकर्स रेयूबेन ब्रदर्स से मिले 2.40 करोड़ पौंड :200 करोड रपये: के रिण को सेबी-सहारा के खाते में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाये। यह खाता शीर्ष अदालत के निर्देश पर खोला गया ताकि निवेशकों को उनका धन लौटाया जा सके।पीठ ने इसके साथ ही समूह के एक अन्य निदेशक रवि शंकर दुबे और अशोक राय चौधरी को भी पैरोल पर रिहा कर दिया। इन्हें भी रॉय के साथ जेल भेजा गया था।
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