नोटबंदी पर मोदी सरकार को लगातार समर्थन देने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार इसका विरोध किया है. दिल्ली में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की किताब ''फीयरलेस इन अपोजिशन' के विमोचन के मौके पर उन्होंने इस फैसले का जमकर विरोध किया.नीतीश कुमार ने कहा कि विश्व में कहीं भी कैशलेस और लेसकैश की अर्थव्यवस्था काम नहीं कर रही है, ऐसे में भारत जैसे देश में यह काम नहीं कर सकता है.
अभी तक नोटबंदी पर खुलकर मोदी सरकार का समर्थन करने वाले नीतीश कुमार ने केंद्र के इस फैसले पर सवाल उठाया है. मनमोहन सिंह के बयान (नोटबंदी सदियों तक याद रखने वाला कुप्रबंधन) का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र बताए कि नोटबंदी से क्या फायदा हुआ है. उन्होंने सरकार से पूछा जब विश्व में कहीं भी कैशलेस और लेसकैश अर्थव्यवस्था काम नहीं कर रही है तो भारत में यह कैसे संभव है?
जदयू के सांसद जब लगातार नोटबंदी का विरोध कर रहे थे तो उस समय इसे मोदी सरकार का साहसिक फैसला बताने वाले नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर मुद्दों को भटकाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कहती है कि अगले पांच साल में हम किसानों की आमदनी दोगूनी कर देंगे लेकिन जब वो पांच साल तक यहां सत्ता में रहेंगे ही नहीं तो कैसे करेंगे.उन्होंने आरएसएस से डरने के सवाल पर कहा कि मैं उनसे क्यों डरूं. हमलोग हमेशा लड़ते-जुझते रहे हैं. डरते तो ये (आरएएस) वाले हैं. उन्होंने कहा कि यह हंसने वाली बात है कि मैं बीजेपी के साथ जाउंगा.
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