लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सरकार गठन के बाद योगी सरकार का ताबड़तोड़ फैसले लेने का सिलसिला जारी है. आदित्यनाथ सरकार ने शुक्रवार को परीक्षा के दौरान रात में बिजली नहीं काटने के निर्देश दिए हैं. यूपी में इस समय परीक्षाएं चल रही हैं. यूपी सरकार ने गांवों में कम से कम 20 घंटे उपलब्ध बिजली उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने शुक्रार को संवाददाताओं से कहा, ‘मुख्यमंत्री जी (योगी आदित्यनाथ) का आदेश था कि नवरात्रि में सभी शक्तिपीठों में 24 घंटे बिजली हो. इस प्रयास में हम सफल रहे, परीक्षाएं चल रही हैं. छात्रों को पढ़ाई में कठिनाई ना हो और इसके लिए उन्हें रात को भी बिजली दी जाए. परीक्षा देते समय भी बिजली रहे. ये सुनिश्चित करने के लिए सभी अधिकारियों को आदेश दिये गये हैं.’ उल्लेखनीय है कि ऊर्जा विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान योगी ने गुरुवार को अधिकारियों को निर्देश दिया था कि गांवों में शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक निर्बाध बिजली आपूर्ति हरहाल में सुनिश्चित की जाए ताकि परीक्षा में सम्मिलित हो रहे विद्यार्थियों को दिक्कत ना हो.
जिला मुख्यालयों को 24 घंटे बिजली देने के निर्देश
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो रोस्टर तय किया गया है, उसके तहत गांवों में 18 घंटे, तहसीलों और बुंदेलखंड में 20 घंटे तथा जिला मुख्यालय को 24 घंटे बिजली देने का लक्ष्य है. इस सिलसिले में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं. शर्मा ने कहा कि ये प्रयास किया जा रहा है कि किसी त्रुटि के बिना ये रोस्टर लागू हो. हमारा प्रयास है कि प्रदेश के हर नागरिक को 24 घंटे बिजली मिले. सबको सस्ती बिजली मिले. हर क्षेत्र को, गांव को, गरीब को बिजली मिले. उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी का सपना है कि 2018 तक हर घर को, गरीब को और गांव को बिजली देंगे. ‘फिलहाल रोस्टर का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं.’
'मांग पूरा करने की हो रही कोशिश'
शर्मा ने बताया कि ‘पावर फार आल’(सबको बिजली) सुनिश्चित करने के लिए 14 अप्रैल को मुख्यमंत्री और केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल साथ बैठेंगे और एग्रीमेंट (समझौता) किया जाएगा. ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो लक्ष्य दिया है, उसे समय से पूर्व प्राप्त करने का प्रयास करेंगे. 'पावर फार आल' के लिए हम लोग काम कर रहे हैं और समय से पहले लक्ष्य हासिल करेंगे.’ इस सवाल पर कि बिजली की कितनी उपलब्धता है और कितनी खरीदनी पड़ेगी, मंत्री ने कहा कि उपलब्धता पर्याप्त है लेकिन ‘पीक आवर’ में मांग बढ़ जाती है. पहली कोशिश है कि मांग को पूरा किया जाए. प्रदेश में 16 हजार मेगावाट से ज्यादा की आवश्यकता रहती है, जिसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
शर्मा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में खड़ी फसल के ऊपर से गुजरने वाले हाई टेंशन तारों की वजह से अकसर आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसी घटनाओं में पीड़ित किसानों को उसके नुकसान का मुआवजा तत्काल देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं. उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसान के नुकसान का मुआवजा सात दिन के अंदर उसके खाते में पहुंचे.
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