लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर आबंटित सरकारी बंगले में अवैध निर्माण और तोड़फोड़ कराने के आरोपों से घिरे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज तोड़फोड़ के जिम्मेदार लोगों पर 11 लाख रुपये का इनाम घोषित किया। तोड़फोड़ को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि सरकारी आवास में सरकारी अनुमति के बिना किसी तरह का निर्माण नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि बंगले में जो कुछ निर्माण काम करवाया गया था उसके लिए लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी (LDA) से अनुमति ली गई थी। अखिलेश ने LDA से पास नक्शे की कॉपी मीडिया को भेजी।
अखिलेश ने 'छोटे लोहिया' के नाम से मशहूर रहे समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की जयन्ती पर यहां आयोजित कार्यक्रम में कहा कि उनके सरकारी बंगला खाली करने के बाद रात में कुछ लोग हथौड़े और कुदाल लेकर वहां गये थे। उन्होंने कहा, 'जिस तरह पुलिस इनाम घोषित करती है..... हम पत्रकार साथियों से कहेंगे कि उस रात कुछ चैनल के लोग भी कैमरा लेकर वहां गये थे। आप तोड़फोड़ करने वालों के नाम बता दो, हम समाजवादी लोग दो-दो हजार रुपये इकट्ठा करके 11 लाख रुपये का इनाम दे देंगे।'
अखिलेश यादव ने कहा कि हमने सभी संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया था। इसके बाद भी ये आरोप लगाया गया। खाली किए जाने के बाद सरकार ने कुछ लोगों से तोड़फोड़ कराई। उन्होंने कहा कि उनके मंत्री मेरे खाली किए बंगले में रहना चाहते हैं। पत्र लिख रहे हैं। उन्हें राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह का घर पसंद नहीं आया। इसका मतलब समझिए कि काम किसने कराया।
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