उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने लाॅकडाउन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। पुलिस द्वारा नियमित तौर पर पेट्रोलिंग की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हाॅटस्पाट क्षेत्रों में केवल स्वास्थ्य, सफाई तथा होम डिलीवरी से जुड़े कर्मी ही जाएं। हाॅटस्पाट क्षेत्रों में सभी घरों को सेनेटाइज किया जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज से वापस भेजे जा रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। जनपद वाराणसी, हापुड़, रामपुर, मुजफ्फरनगर तथा अलीगढ़ में वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस एवं स्वास्थ्य अधिकारी भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि ग्रीन जोन तथा ऑरेंज जोन में अनुमन्य की जाने वाली गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनायी जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क आदि के निर्माण कार्य से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि प्रत्येक जनपद में 15,000 से 25,000 क्षमता के क्वारंटीन सेण्टर तथा आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। शेल्टर होम में 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन पूरा करने वालों का चिकित्सीय परीक्षण कराके होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। मेडिकल टेस्टिंग के लिए पूल टेस्टिंग व रैण्डम टेस्टिंग का उपयोग किया जाए। जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों, शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर का निरीक्षण करें। शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर की फूडिंग लाॅजिंग व्यवस्था पर नजर रखी जाए। उन्होेंने कहा कि शेल्टर होम को जियो टैग किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना है। मेडिकल इन्फेक्शन को रोकने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने बायो-मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नर्सिंग होम के संचालकों तथा अन्य डाॅक्टरों के साथ बैठक करते हुए टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराने वाले डाॅक्टरों की व्यवस्था करें। उन्होंने निर्देश दिये कि दूरभाष पर मरीजों को परामर्श देने वाले डाॅक्टरों की सूची का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान समय में बड़ी मात्रा में भूसा उपलब्ध रहता है।
इसके दृष्टिगत निराश्रित गोवंश के लिए गोवंश आश्रय स्थलों पर भूसा बैंक स्थापित किया जाए। 3 मई, 2020 के पश्चात औद्योगिक इकाइयों को किस प्रकार शुरु किया जाए, इसके लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए। प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने की कार्य योजना बनायी जाए। उन्होंने कहा कि निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर शासन द्वारा अनुमन्य राशि से दिवंगत का अन्तिम संस्कार कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज से वापस भेजे जा रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। जनपद वाराणसी, हापुड़, रामपुर, मुजफ्फरनगर तथा अलीगढ़ में वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस एवं स्वास्थ्य अधिकारी भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि ग्रीन जोन तथा ऑरेंज जोन में अनुमन्य की जाने वाली गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनायी जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क आदि के निर्माण कार्य से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि प्रत्येक जनपद में 15,000 से 25,000 क्षमता के क्वारंटीन सेण्टर तथा आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। शेल्टर होम में 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन पूरा करने वालों का चिकित्सीय परीक्षण कराके होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। मेडिकल टेस्टिंग के लिए पूल टेस्टिंग व रैण्डम टेस्टिंग का उपयोग किया जाए। जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों, शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर का निरीक्षण करें। शेल्टर होम व क्वारंटीन सेन्टर की फूडिंग लाॅजिंग व्यवस्था पर नजर रखी जाए। उन्होेंने कहा कि शेल्टर होम को जियो टैग किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना है। मेडिकल इन्फेक्शन को रोकने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने बायो-मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नर्सिंग होम के संचालकों तथा अन्य डाॅक्टरों के साथ बैठक करते हुए टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराने वाले डाॅक्टरों की व्यवस्था करें। उन्होंने निर्देश दिये कि दूरभाष पर मरीजों को परामर्श देने वाले डाॅक्टरों की सूची का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान समय में बड़ी मात्रा में भूसा उपलब्ध रहता है।
इसके दृष्टिगत निराश्रित गोवंश के लिए गोवंश आश्रय स्थलों पर भूसा बैंक स्थापित किया जाए। 3 मई, 2020 के पश्चात औद्योगिक इकाइयों को किस प्रकार शुरु किया जाए, इसके लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए। प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने की कार्य योजना बनायी जाए। उन्होंने कहा कि निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर शासन द्वारा अनुमन्य राशि से दिवंगत का अन्तिम संस्कार कराया जाए।
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