विदेश और नागरिक विमानन मंत्रालय विदेशों में फंसे हजारों भारतीयों को वापस लाने के प्लान पर काम कर रहा है। इस बीच पीएम मोदी ने इस बड़े निकासी प्लान को लेकर बुनियादी नियम तैयार कर दिए हैं। पीएम मोदी के फैसले के मुताबिक सबसे पहले श्रमिक वर्ग के लोगों को विशेष विमानों में जगह दी जाएगी। इसके बाद दूसरे देशों में फंसे स्टूडेंट्स का नंबर आएगा और फिर उन सभी लोगों को लाया जाएगा जो विदेश नौकरी करने या घूमने गए थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मोनार्क टाइम्स को बताया, ''पीएम मोदी स्पष्ट कर दिया है कि सबसे पहले भारतीय प्रवासी कार्यबल को लाया जाए।'
एक बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि कैसे गरीब भारतीय प्रवासी कामगारों, जो अधिकतर गल्फ देशों में है, ने देश को आर्थिक संकट से निकलने में मदद की थी। जैसा कि 1998, जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया तो अमेरिका सहित दूसरे पश्चिमी देशों ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने रिसर्जेंट इंडिया बॉन्ड को 2 अरब डॉलर जुटाने के लक्ष्य से जारी किया था और 4 अरब डॉलर मिले थे।
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