बिहार के मुजफ्फरपुर के प्रखंड की अतरार पंचायत एक बार फिर चर्चा में आ गई है। चार दिन पहले यहां राशन के लिए बवाल हुआ था। अब गांव में एक विधवा की भूख से मौत का वीडियो वायरल हो रहा है। हालांकि हिन्दुस्तान उस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। ग्रामीणों का कहना है कि राशन नहीं मिलने के कारण महिला के घर में चूल्हा नहीं जल रहा था। ऊपर से महिला बीमार थी जिसके कारण उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों ने मृतका का दाह संस्कार कर दिया जिससे जांच अधूरी रह गई। वहीं प्रशासन का कहना है कि मार्च तक का अनाज पीड़ित परिवार को मिला है।
वीडियो में मृतका गांव के स्व. दिनेश दास की पत्नी कौशल्या देवी बताई गई। वह विगत कई माह से बीमार थी। लगातार इलाज चल रहा था। लॉकडाउन के पहले एसकेएमसीएच से जांच कराकर दवा ली थी। इन दिनों वह गांव में ही निजी डॉक्टर से इलाज करवा रही थी। ग्रामीण प्रभु दास, राजेश साह, लक्ष्मीदास, सुरेश दास, जितेंद्र दास ने बताया कि उसे तीन माह से राशन नहीं मिला था। वहीं पेंशन भी बंद थी। मृतका को चार पुत्र हैं। बड़ा लड़का सोनू 16 वर्ष का है वह होली के बाद बाहर कमाने गया था, लेकिन लॉकडाउन के चलते वापस आ गया। गांव में भी मजदूरी नहीं मिल रही थी। तीन बच्चे अभी छोटे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उसके घर में खाने को कुछ नहीं है।
वहीं बीडीओ ने भूख से मौत की बात को निराधार बताते हुए कहा कि गांव में बवाल के बाद डीलर राशन की दुकान खोलकर बैठे हैं, लेकिन कोई राशन लेने नहीं जा रहा। इधर, ग्रामीणों का कहना है कि बवाल में गिरफ्तार नौ लोगों को जबतक पुलिस नहीं छोड़ती राशन वितरण नहीं होने दिया जाएगा।
बता दें कि दो माह पहले गांव की डीलर के गोदाम को सील कर दिया गया था। इसके बाद से लोगों को राशन नहीं मिला है। चार दिन पहले प्रशासनिक टीम सील गोदाम से राशन निकालने आयी थी जिसे ग्रामीणों ने बंधक बना लिया था। बाद में जब पुलिस पहुंची तो हमला कर दिया गया। पुलिस ने भी लाठीचार्ज की थी। इस दौरान भारी बवाल हुआ था। पुलिस ने नौ लोगों को जेल भेज दिया है। इसको लेकर भी गांव में नाराजगी है।
डॉ. चंद्रशेखर सिंह, डीएम का कहना है कि औराई प्रखंड के अतरार गांव की कौशल्या देवी की मौत लम्बी बीमारी के कारण हुई है। उसका राशन कार्ड था व जनवरी से मार्च तक राशन का उठाव हुआ है। अप्रैल में दुकान का लाइसेंस कैंसिल रहा है। उसके परिवार में खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था की जा रही है।
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