नई दिल्ली। आरक्षण की मांग को लेकर फिर से आंदोलन पर जाने के जाटों की धमकी के बीच प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पिछली बार जैसी स्थिति इस बार नहीं होनी चाहिए। उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात कर कानून व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने को कहा है।
आरक्षण के लिए 72 घंटे का जाट समुदाय का अल्टीमेटम गुरुवार को खत्म हो गया। हंगामे की आशंका को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। रोहतक में गुरुवार को स्कूल, कॉलेज बंद है और दूसरे जिलों में स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का फैसला डिप्टी कमीश्नर पर छोड़ दिया गया। राज्य सरकार ने कहा कि किसी भी हालात से निपटने को तैयार हैं।
रोहतक, सोनीपत, झज्जर, जींद, भिवानी और कैथल के जिला प्रशासन को यह अधिकार दिया गया है कि वह कानून तोडऩे वालों पर एनएसए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगा सकता है। अर्द्धसैनिक बलों की 80 कंपनियां मांगी गई हैं।
बिल ड्राफ्ट में कुछ दिक्कतें
बिल के ड्राफ्ट में कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं। जाट आरक्षण विधेयक विधानसभा में पेश होना था, लेकिन नहीं हो सका। जाट आरक्षण विधेयक का ड्राफ्ट बुधवार शाम को सीएम खट्टर की अगुवाई में मंत्रियों की बैठक में रखा गया जिस पर कई मंत्रियों ने आपत्ति जताई।
सरकार जाट सहित 5 जातियों को 10 फीसदी आरक्षण देने की तैयारी में है। ऐसी स्थिति में सरकार ने अब ऐसे प्रारूप को तैयार करने का फैसला किया है, जिससे सभी सहमत हों। जाट नेता शुक्रवार को बैठक करके आगे की रणनीति तय करेंगे।
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