नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, सरकार ने काले धन को सफेद करने के लिए \'फेयर एंड लवली\' योजना शुरू की है। लोकसभा में बोलते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, जिसके पास भी काला धन है, उसे मोदी की फेयर एंड लवली योजना के तहत जेल में नहीं डाला जाएगा।
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने जम्मू-कश्मीर में यूपीए सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जो कदम उठाए थे, उन्हें बर्बाद कर दिया है। लोकसभा में चर्चा में हिस्सा लेते हुए राहुल ने प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा, मोदी जी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह काला धन रखने वालों को जेल में डाल देंगे, लेकिन ऐसे लोगों को बचाने के लिए सरकार नई योजना लेकर आई है।
राहुल ने कहा कि मुझे झटका लगा जब वित्तमंत्री ने अरुण जेटली ने ऐसी योजना लांच की। प्रधानमंत्री ने रोजगार देने का वादा किया था। जब लोगों से पूछा जाता है कि उन्हें रोजगार मिला है तो कोई अपना हाथ नहीं उठाता है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि उन्होंने मनरेगा से बेकार योजना नहीं देखी। यह एक विफल योजना है और दसने देश को बर्बाद कर दिया है। लेकिन, मैं इस योजना को नहीं खत्म करुंगा ताकि लोगों को यूपीए सरकार की गलती का एहसास हो।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, अरुण जेटली ने मुझसे आकर कहा कि यह (मनरेगा) बहुत अच्छी योजना है, तो मैंने उनसे कहा कि यह बात वह अपने बॉस (पीएम) को क्यूं नहीं कहते। बजट में जब मनरेगा को धन आवंटित किया गया तो मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और लगा जैसे पी चिंबरम (पूर्व वित्त मंत्री) बजट पेश कर रहे हैं।
जेएनयू विवाद
जवाहार लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) विवाद पर बोलते हुए राहुल ने कहा कि छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कैंपस में 20 मिनट का भाषण दिया। पूरे भाषण में कुमार ने कभी भी देश विरोधी नारे नहीं लगाए। इसके बावजूद आपने उसे
जेल में डाल दिया। जेएनयू में पढऩे वाले 40 प्रतिशत छात्र-छात्राओं के माता-पिता की आय 6 हजार रुपए से कम है। आप जेएनयू के पीछे क्यूं पड़े हैं? इसलिए क्योंकि वे गरीब, दलित और जनजातीय लोग हैं? आप चाहते हैं कि ये लोग जेल के पीछे रहें? हम ऐसा होने नहीं देंगे। आप जेनएयू या देश के गरीब लोगों को कुचल नहीं पाएंगे।
राहुल ने आगे कहा, मैं धर्म को लेकर कुछ बोलना चाहता हूं। मुझे बतांए, कौन सी किताब में लिखा है कि हम अपने शिक्षकों कि पिटाई करें। पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर जेएनयू शिक्षकों, छात्रों और मीडिया के लोगों की पिटाई क्यूं की गई? जब उनकी पिटाई हो रही थी तो आपकी सरकार ने कुछ नहीं कहा।
आरएसएस पर साधा निशाना
आपको आपके आरएसएस के शिक्षकों ने एक बात सिखाई है कि इस ब्रह्मांण में एक ही सच है और वह है आपका खुद का। किसी और की राय को मायने नहीं रखती। प्रधानमंत्री सिर्फ अपनी राय पर देश को नहीं चला सकते। देश प्रधानमंत्री नहीं है और प्रधानमंत्री देश नहीं हैं।
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