अहमदाबाद : गुजरात के विधायक दल की बैठक में शुक्रवार को विजय रूपानी को नेता चुना गया। अब राज्य के अगले मुख्यमंत्री रूपानी होंगे जबिक नितिन पटेल को उप मुख्यमंत्री का पद दिया गया है। गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष हैं विजय रूपानी। हालांकि, मीडिया में इस बात की चर्चा थी कि नितिन पटेल को गुजरात का सीएम बनाया जाएगा लेकिन विधायक दल की बैठक में विजय रूपानी के नाम पर मुहर लगी।
रूपानी राजकोट के जैन समुदाय से आते हैं और पीएम मोदी के करीबी बताए जाते हैं। बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उपस्थित थे। बैठक के बाद नितिन गडकरी ने घोषणा की कि रूपानी गुजरात के नये मुख्यमंत्री होंगे।
रूपानी को अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी की अगुवाई करने का जिम्मा सौंपा जाएगा और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में पार्टी को उसके समक्ष मौजूद चुनौतियों से उबारना होगा।
आनंदीबेन पटेल ने पिछले हफ्ते फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर इस्तीफा देने के अपने फैसले की घोषणा की थी । उन्होंने कहा था कि वह इस पद से हट जाना उपयुक्त समझती हैं क्योंकि वह इस साल नवंबर में 75 की हो जाएंगी। ऐसा माना जाता है कि प्रधानमंत्री ने केंद्र और राज्यों के मंत्रिमंडल में मंत्रियों के लिए यह ऊपरी उम्र सीमा तय कर रखी है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर अंतिम फैसले के लिए कल ही पार्टी नेताओं के साथ विचार विमर्श किया था। भाजपा संसदीय बोर्ड ने दिल्ली में सोमवार को अपनी बैठक में इस्तीफा देने की आनंदीबेन पटेल की पेशकश स्वीकार कर लिया था। इससे नये मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया गति आयी।
गुजरात में लंबे समय से सत्ता में मौजूद भाजपा पटेल आरक्षण आंदोलन, उना अशांति, नगर निकाय चुनावों में पराजय जैसी कई गंभीर चुनौतियों से जूझती आ रही है। उना में दलितों की पिटाई को लेकर राज्य में दलित समुदाय आक्रोशित है। समझा जाता है कि इन प्रकरणों ने भाजपा की छवि और जनाधार को नुकसान पहुंचाया है और संभवत: यह भी वजह है कि आनंदीबेन पटेल को इस्तीफा देना पड़ा।
रूपानी राजकोट के जैन समुदाय से आते हैं और पीएम मोदी के करीबी बताए जाते हैं। बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उपस्थित थे। बैठक के बाद नितिन गडकरी ने घोषणा की कि रूपानी गुजरात के नये मुख्यमंत्री होंगे।
रूपानी को अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी की अगुवाई करने का जिम्मा सौंपा जाएगा और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में पार्टी को उसके समक्ष मौजूद चुनौतियों से उबारना होगा।
आनंदीबेन पटेल ने पिछले हफ्ते फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर इस्तीफा देने के अपने फैसले की घोषणा की थी । उन्होंने कहा था कि वह इस पद से हट जाना उपयुक्त समझती हैं क्योंकि वह इस साल नवंबर में 75 की हो जाएंगी। ऐसा माना जाता है कि प्रधानमंत्री ने केंद्र और राज्यों के मंत्रिमंडल में मंत्रियों के लिए यह ऊपरी उम्र सीमा तय कर रखी है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर अंतिम फैसले के लिए कल ही पार्टी नेताओं के साथ विचार विमर्श किया था। भाजपा संसदीय बोर्ड ने दिल्ली में सोमवार को अपनी बैठक में इस्तीफा देने की आनंदीबेन पटेल की पेशकश स्वीकार कर लिया था। इससे नये मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया गति आयी।
गुजरात में लंबे समय से सत्ता में मौजूद भाजपा पटेल आरक्षण आंदोलन, उना अशांति, नगर निकाय चुनावों में पराजय जैसी कई गंभीर चुनौतियों से जूझती आ रही है। उना में दलितों की पिटाई को लेकर राज्य में दलित समुदाय आक्रोशित है। समझा जाता है कि इन प्रकरणों ने भाजपा की छवि और जनाधार को नुकसान पहुंचाया है और संभवत: यह भी वजह है कि आनंदीबेन पटेल को इस्तीफा देना पड़ा।
COMMENTS