नई दिल्ली. अमित शाह रविवार को एक बार फिर पार्टी के
प्रेसिडेंट बन गए हैं। नरेंद्र मोदी ने उनके नाम का प्रपोजल रखा। शाह की यह
नई पारी तीन साल की होगी। 2017 में होने वाले उत्तर प्रदेश असेम्बली
इलेक्शन उनके इस कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती माने जा रहे हैं।
अमित को कैसे मिली थी जिम्मेदारी जानिए...
- अमित शाह आज अपना नॉमिनेशन दाखिल किया। इस मौके पर बीजेपी के सभी मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और पार्टी के बड़े नेता मौजूद रहे।
- राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, वेंकैया नायडू सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी उनके नाम का प्रपोजल रखा।
- बीजेपी के जिन मुख्यमंत्रियों ने उनके नाम का प्रपोजल रखा उनमें वसुंधरा राजे सिंधिया, रघुबर दास, शिवराज सिंह चौहान शामिल थे।
- हालांकि, इस दौरान लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी नजर नहीं आए। जो चर्चा का विषय बना रहा।
- बीजेपी के जिन मुख्यमंत्रियों ने उनके नाम का प्रपोजल रखा उनमें वसुंधरा राजे सिंधिया, रघुबर दास, शिवराज सिंह चौहान शामिल थे।
- हालांकि, इस दौरान लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी नजर नहीं आए। जो चर्चा का विषय बना रहा।
शाह के प्रेसिडेंट बनने किसने क्या कहा
- नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके अमित शाह को बधाई दी। उन्होंने
कहा कि मुझे यकीन है पार्टी उनकी लीडरशिप में सक्सेस की नई ऊंचाईयां छुएगी।
- राजनाथ सिंह ने कहा, 'मुझे अमित शाह की लीडरशिप पर पूरा यकीन है, उनकी लीडरशिप में पार्टी को बड़ी सक्सेस मिलेगी।'
- वेंकैया नाडयू ने कहा, 'वो सबसे काबिल शख्स हैं, उनके अंदर ऑर्गनाइजेश को चलाने की एबिलिटी है और इन सबसे हमारी आइडियोलॉजी के लिए उनका कमिटमेंट है।'
- 28 जनवरी को बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड की मीटिंग होगी।
- वेंकैया नाडयू ने कहा, 'वो सबसे काबिल शख्स हैं, उनके अंदर ऑर्गनाइजेश को चलाने की एबिलिटी है और इन सबसे हमारी आइडियोलॉजी के लिए उनका कमिटमेंट है।'
- 28 जनवरी को बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड की मीटिंग होगी।
संघ को शाह पर भरोसा क्यों?
- संघ मानता है कि शाह ने बीजेपी को लोकसभा के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में सीधी जीत दिलाई।
- जम्मू-कश्मीर में भी पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर पीडीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने में सफल रही।
- इसके अलावा मणिपुर, केरल और लद्दाख जैसे क्षेत्रों में पार्टी का असर पहली बार दिखा। यह आने वाले वक्त के लिए बेहतर संकेत हैं।
- संघ को मोदी और शाह की जोड़ी पर भरोसा है।
- संघ मानता है कि शाह ने बीजेपी को लोकसभा के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में सीधी जीत दिलाई।
- जम्मू-कश्मीर में भी पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर पीडीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने में सफल रही।
- इसके अलावा मणिपुर, केरल और लद्दाख जैसे क्षेत्रों में पार्टी का असर पहली बार दिखा। यह आने वाले वक्त के लिए बेहतर संकेत हैं।
- संघ को मोदी और शाह की जोड़ी पर भरोसा है।
शाह का रिपोर्ट कार्ड
अमित शाह जुलाई 2014 में पार्टी अध्यक्ष बने थे। इसके बाद बीजेपी ने
छह राज्यों में चुनाव लड़े। चार में उसकी सरकार बनी। दो में वह चुनाव हार
गई। हालांकि, इससे पहले शाह को लोकसभा चुनाव में यूपी की जिम्मेदारी दी गई
थी। वहां पर एनडीए को 80 में से 73 लोकसभा सीटें मिली थीं।
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